डॉक्टरो की मिलीभगत : डिलीवरी के नाम पर सिजरिंग का खेल कब होगा ख़त्म ?
सरकारी अस्पतालों और प्राईवेट नर्सिंग होम में सेटिंग
केशव भूमि नेटवर्क (palghar): कहते है की डॉक्टर भगवान होते है और लोग डॉक्टरो पर आंख बंद करके विश्वास करते है लेकिन अगर कुछ डॉक्टर लोगो के उसी भावना का फायदा उठा कर उन्हें लुट कर जल्द अमिर बनना चाहे तो ऐसे डॉक्टरो को क्या कहेगे ? पालघर जिले में इसी प्रकार का मामले सामने आ रहे है . पालघर जिला में सरकारी अस्पतालों और प्राईवेट नर्सिंग होम चलाने वाले डॉक्टरो में आपसी सेटिंग के कारण सीरियस डिलीवरी के नाम पर सिजरिंग ( सीजेरियन ) का खेल जोरो पर है लेकिन इस पर लगाम कब लगेगी या यह खेल कब ख़त्म होगा इसका जबाब किसी के पास नहीं है .
पालघर जिला यह एक आदिवासी बाहुल्य जिला है .इस सामाज के साथ –साथ लाखो लोग दुसरे समाज के भी रहते है जिनकी आर्थिक स्तिथ ठीक नहीं होने के कारण यह सभी लोग इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों पर निर्भर है ,माँ बनने वाली महिलाए जब जाँच के लिए
इन अस्पतालों में जाती है ,तो उनकी ज्यादातर जाँच प्राईवेट अस्पतालों से कार्यवाई जाती है. जिसमे पालघर सरकारी अस्पताल का नाम प्रमुखता से आता है .जंहा पालघर व आस पास के क्षेत्रो से सैकड़ो गर्भवती महिलाए जाँच व इलाज और डिलीवरी के लिए आती है .
जान को खतरा का भय दिखाकर वसूली
लेकिन सरकारी डॉक्टरो और प्राईवेट डॉक्टरो की मिलीभगत के कारण डिलीवरी कराने आई महिला व उनके परिवार को मानसिक रूप से डराया जाता है कि बच्चा उल्टा है , माँ के शरीर में खून और पानी की कमी है , माँ कमजोर है , डिलीवरी के वक्त उसकी जान जा सकती है .
ज़ब माँ बनने वाली महिला व उसका परिवार डर जाता है .तब सरकारी डॉक्टर मशीनों और सुविधाओ के आभाव का रोना रोकर उनके द्वारा तय किये गए प्राईवेट नर्सिंग होम या प्राईवेट अस्पतालों में भेज देते है .जंहा डॉक्टर सरकारी डॉक्टरो द्वारा मानसिक रूप से डराकर तैयार
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की गई महिला का आपरेशन करके बच्चे की डिलीवरी करा देते है. ज्यादातर यह ऑपरेशन डिलीवरी के तय सीमा से पहले किया जाता है .इस ऑपरेशन के बदले डॉक्टर 30 से 50 हजार रूपये तक वसूल करते है .जिसमे सरकारी डॉक्टरो का भी परसेंट फिक्स होता है . डॉक्टरो को मालुम है कि नार्मल डिलीवरी में उन्हें दो से पांच हजार ही मिलेंगे. जिसके कारण डॉक्टर आपस में कम समय में ज्यादा पैसा कमाने की होड़ में लगे है .
यही हाल महाराष्ट्र के अन्य कई जिलो में भी है . लेकिन सवाल उठता है की जल्द अमिर बनने के चक्कर में लोगो के स्वास्थ्य के साथ कर रहे खिलवाड़ करने वाले ऐसे डॉक्टरो पर सरकार कार्यवाई कब करेगी .
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