वर्जीनिया, 22 अगस्त : अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर चेतावनी दी और कहा कि अमेरिका यह बर्दाश्त नहीं करेगा कि वह चरमपंथियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना रहे। यह जानकारी मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
वर्जीनिया में सोमवार को एक संबोधन में ट्रंप ने कहा, ”हम पाकिस्तान को अरबों डॉलर देते रहे और उसी वक़्त वह उन आतंकियों को पनाह देते रहे जिनके ख़िलाफ़ हम लड़ रहे हैं। इसे बदलना होगा और यह ज़ल्द बदलेगा।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ”अफ़ग़ानिस्तान में हमारे प्रयासों के साथ सहभागी बनने में पाकिस्तान को काफ़ी फ़ायदा है, लेकिन आतंकियों का मददगार बने रहने में बड़ा नुकसान है।”
अफ़ग़ानिस्तान को लेकर अमरीका की रणनीति बताते हुए ट्रंप ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान से अमरीका के हटने पर आतंकियों को घुसपैठ का मौका मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका मक़सद था कि वह अमरीकी सैनिकों को वहां से हटा लेंगे, लेकिन अब वह नहीं चाहते कि इराक़ जैसी ग़लती दोबारा हो।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ”अमरीका अफ़ग़ान सरकार के साथ मिलकर तब तक काम करेगा, जब तक हमें प्रगति और प्रतिबद्धता दिखेगी।”
भारत से सहयोग की अपील करते हुए ट्रंप ने कहा कि अमरीका चाहता है कि भारत आर्थिक सहायता और विकास के मामले में अफ़ग़ानिस्तान का सहयोग करे।
तालिबान के ख़िलाफ़ अमरीकी सेनाओं का अभियान 2014 में आधिकारिक तौर पर ख़त्म हो गया, लेकिन स्पेशल फोर्सेज ने अफ़ग़ानी सेनाओं की मदद करना जारी रखा। अफ़ग़ान सरकार लगातार विद्रोही समूहों के ख़िलाफ़ लड़ रही है और देश के आधे हिस्से में नियंत्रण रख पा रही है।
ट्रंप ने अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सैनिकों की संख्या कम या ज़्यादा करने को लेकर कोई बयान नहीं दिया। माना जा रहा था कि वह 4000 अमरीकी सैनिकों को अफ़ग़ान भेजने की घोषणा कर सकते हैं।
ओबामा प्रशासन की आलोचना करते हुए ट्रंप ने कहा, ”सैनिकों की संख्या या अपनी योजना को लेकर हम कोई बात नहीं करेंगे।” हालांकि अमरीकी रक्षा सचिव जिम मैटिस ने इशारा कि अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सैनिकों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।