वाशिंगटन, 01 मई (हि.स.)। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन को कठिन वक्त से अच्छी तरह निपटने वाला चालाक आदमी माना है। उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर बढ़ते तनाव के बीच हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि किम जोंग उन मानसिक रूप से स्वस्थ हैं या नहीं। यह जानकारी सोमवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
अमरीकी टीवी चैनल सीबीएस से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि उन ने काफी कम उम्र में सत्ता संभाली और उन्हें कुछ बेहद सख्त लोगों से निबटना पड़ा। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के अचानक बदले सुर को विशेषज्ञ एक कूटनीतिक चाल के रूप में देख रहे हैं।
विदित हो कि उत्तर कोरियाई नेता ने सत्ता में आने के दो साल बाद अपने फुफा को मरवा दिया और संदेह जताया जाता है कि हाल में उन्होंने अपने सौतेले भाई को मारने का आदेश भी दिया था।
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डोनाल्ड ट्रंप से जब पूछा गया कि वह उत्तर कोरियाई नेता के बारे में क्या सोचते हैं तो उनका जवाब था, “लोग पूछते हैं कि ‘क्या वह मानसिक रूप से ठीक हैं? मुझे नहीं पता, लेकिन वह 26 या 27 साल के युवा थे जब उनके पिता की मौत हुई। जाहिर है कि वह बहुत सख़्त लोगों का सामना कर रहे है, ख़ासतौर पर जनरलों और दूसरे लोगों का।”
ट्रंप ने कहा, “बहुत कम उम्र में उन्हें सत्ता मिली। मैं जानता हूं कि बहुत से लोगों ने उनसे सत्ता दूर करने की कोशिश की। चाहे वह उनके फुफा हों या कोई और। उन्होंने सत्ता को अपने पास बनाए रखा। ज़ाहिर है कि वह बहुत चालाक हैं।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह साक्षात्कार ऐसे समय में दिया है जब दो सप्ताहों के भीतर दूसरी बार उत्तर कोरिया का मिसाइल परीक्षण नाकाम हो गया। डोनाल्ड ट्रंप से जब पूछा गया कि मिसाइलों में धमाके क्यों हो रहे हैं तो इस पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों को छोटा बनाने की लगातार कोशिश कर रहा है, जिन्हें लंबी दूरी की मिसाइलों में फिट किया जा सकेगा। इन मिसाइलों की रेंज अमरीका तक पहुंचने की बात कही जा रही है।
लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि आगे परीक्षण होते रहे तो अमरीका बहुत खुश नहीं होगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या इसका मतबल सैन्य कार्रवाई है तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं मालूम, मेरा मतलब है, हम देखेंगे।”
उनका कहना है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग उत्तर कोरिया के सहयोगी हैं और वह किम जोंग उन पर परमाणु और सैन्य गतिविधियों को कम करने के लिए दबाव डाल रहे थे, लेकिन अब तक शायद कुछ नहीं हुआ है।”
ट्रंप ने चीन के साथ विकसित होते अपने संबंधों की तारीफ की, जबकि चुनाव अभियान के दौरान वह इस देश के बड़े आलोचक थे।
उन्होंने कहा, “चीन के साथ मेरा रिश्ता पहले ही बहुत ख़ास हो चुका है, कुछ बिल्कुल अलग जैसा पहले कभी नहीं था।”