जहरीली धुंध के चलते दिल्ली -एनसीआर दूसरे दिन भी बेहाल
नई दिल्ली, 08 नवंबर (हि.स.)। पड़ोसी राज्यों में फसलों के अवशेष जलाने के चलते वहां से आने वाली हवाओं ने लगातार दिल्ली -एनसीआर निवासी दूसरे दिन भी सुबह धुंध और जहरीली हवा से बेहाल हैं। बुधवार को हालात इस कदर भयावह है कि लोगों का सांस लेना भी दूभर हो रहा है। राजधानी की हवा में प्रदूषण का जहर इस कदर घुला है कि मेडिकल इमरजेंसी वाले हालात उतपन्न हो गए हैं। बीमारों में से 60 फीसदी तो सांस की बीमारी से जूझ रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर 6 गुना तक बढ़ गया है। सुभ के समय न सिर्फ दिल्ली बल्कि नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में वाहनों को हेडलाईट जला कर चलना पड़ा|
कहीं-कहीं तो दृश्यता शून्य तक रही| धुंध के चलते सड़क, रेल और वायु यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है| धुएं और ठंड के चलते बढ़ी नमी से राजधानी ‘गैस चैंबर’ में तब्दील हो गई है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इन हालातों के मद्देनजर प्राथमिक विद्यालयों का एक दिन का अवकाश करते हुए बाकायदा बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और दमा एवं हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों से ग्रसित ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है। एनजीटी ने भी इन हालातों पर केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगाई है।
दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के लिए केंद्र को दोषी करार दिया है। उल्लेखनीय है कि पिछले एक वर्ष में प्रदूषण से मरने वालों की तादाद बढ़ रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार देश में हर मिनट तकरीबन 5 मौतें वायु प्रदूषण के चलते हुई हैं। कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ऐसी स्थिति बन सकती है क्योंकि दिल्ली में हवा दो से तीन किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी, जिससे प्रदूषित कण वातावरण में प्रवाह नहीं हो पाएंगे| ये कण हवा में मौजूद नमी के कारण स्मॉग में तब्दील हो जाएंगे लेकिन समय रहते समुचित कदम नहीं उठाने का खामियाजा आज राजधानी वासियों को भुगतना पड़ रहा है।
उधर, मौसम विभाग का कहना है कि यह स्थिति अभी दो-तीन दिनों तक बरकरार रह सकती है|