जयललिता की बेटी होने का दावा करनेवाली महिला की याचिका को SC ने किया खारिज
नई दिल्ली, 27 नवम्बर : तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की बेटी होने का दावा करनेवाली बेंगलुरु की महिला अमृता की डीएनए जांच की मांग करनेवाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता से कहा कि मामला संविधान की धारा 32 के तहत सीधे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई योग्य नहीं है। आप दूसरे कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करें।
अमृता ने याचिका दायर कर अपने को जयललिता का जैविक बेटी होने का दावा किया था। उसने डीएनएन टेस्ट करवाने की मांग की थी। अपनी याचिका में उसने जयललिता के शव का हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार दाह-संस्कार करने का निर्देश देने की मांग की। याचिका में कहा गया था कि जयललिता का शव दफनाया गया था।
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अमृता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील इंदिरा जय सिंह से कोर्ट ने पूछा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गईं। तो इंदिरा जय सिंह ने कहा कि हमें मद्रास हाईकोर्ट से न्याय नहीं मिलेगा। वहां हमारी सुरक्षा नहीं हो सकती है। अभी राज्य राजनीतिक रुप से अशांत है। कई लोग हैं जो ये दावा कर रहे हैं कि वे जयललिता के वारिस हैं। (हि.स.)।