खबरेमहाराष्ट्रमुंबईराज्य

चारा छावनी भ्रष्टाचार मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

मुंबई, 20 फरवरी (हि.स.)। राज्य में अकाल के दौरान चारा छावनी भ्रष्टाचार प्रकरण में सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर मुंबई हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उसने चारा छावनी के चालकों के विरोध में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? उल्लेखनीय है कि सरकार ने एक प्रतिज्ञापत्र न्यायालय में 06 सितम्बर,2017 को देकर कहा था कि चारा छावनी भ्रष्टाचार मामले में कार्रवाई की जाएगी। केवल सोलापुर जिले में ही संदर्भित मामले में कार्रवाई की गई और अन्य जिलों में किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

गौरतलब है कि अकाल के दौरान राज्य की आघाडी सरकार ने बीड, अहमदनगर, सोलापुर, सातारा और सांगली में किसानों के पशुओं के लिए चारा छावनी योजना का शुभारंभ किया था। 1273 चारा छावनियों में से 1025 चारा छावनियों में अनियमितता पाई गई। इस मामले में 200 करोड रुपये का भ्रष्टाचार होने की बात सामने आई। विपक्ष में होने के दौरान भाजपा ने इस मामले मेें जांच की मांग करनी शुरू कर दी थी, पर सत्ता में आते ही वह इस मुद्दे को भूल गई।

उल्लेखनीय है कि 2012-2013 और 2013-2014 में किसानों के जानवरों को चारा उपलब्थ करवाए जाने के नाम पर चारा छावनी खोली गई और जमकर भ्रष्टाचार किया गया। भ्रष्ट चारा छावनी चालकों पर कार्रवाई करवाने के लिए किसान गोरख घाडगे ने दो वर्ष तक न्यायालयीन लड़ाई लड़ी। दोषियों पर कार्रवाई करने सरकार के उदासीन होने पर मुंबई हाईकोर्ट ने सरकार को जमकर फटकार लगाई है। सरकार को फटकारते हुए कोर्ट ने कहा है कि राज्य की जनता अकाल, ओलावृष्टि के संकट से गुजर रही है और तुम जनता और कर दाताओं के पैसे का दुरुपयोग कर रहे हो। कोर्ट ने कहा है कि हमारा आदेश सरकार के लिए क्या बंधनकारक नहीं है? मुकदमे में अंतिम सुनवाई होने की संभावना है, पर सरकार कोर्ट को गुमराह कर रही है। इस पर न्यायालय ने नाराजगी दिखाते हुए सरकार को दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।

Related Articles

Back to top button
Close