नई दिल्ली, 26 जनवरी= देश के 68वें गणतंत्र दिवस के मौके पर गुरुवार को राजपथ पर आयोजित समारोह में राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार जीत चुके 25 बच्चों ने खुली जीपों में सवार होकर हिस्सा लिया। अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की रक्षा करने वाले इन बच्चों को वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर जोरदार स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के विभिन्न राज्यों के 25 चुनिंदा बच्चों को वर्ष 2015 के राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजा था। इसमें 4 बच्चों को ये अवार्ड मरणोपरांत दिया गया। उनकी जगह उनके अभिभावकों ने ये पुरस्कार ग्रहण किये। सम्मान पाने वालों में 12 लड़कियां भी हैं। इन्हें आज राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिलने का मौका मिला।
इन बच्चों में पश्चिम बंगाल की तेजस्विता प्रधान और शिवानी गोंड को संयुक्त रूप से गीता चोपड़ा पुरस्कार तथा उत्तराखंड के सुमित ममगई को संजय चोपड़ा पुरस्कार से नवाजा गया है। बापू गैधानी पुरस्कार मिजोरम की रोलुआपुई, छत्तीसगढ के तुषार वर्मा और मिजोरम की ही एच. लालरियातपुई (मरणोपरांत) को दिया गया है। जम्मू कश्मीर की पायल देवी, अरुणाचल प्रदेश की तार पीजू को भी (मरणोपरांत) भारत अवार्ड दिया गया।