कांसटेबल ललिता से ललित बनने की पहली सर्जरी सफल , 6 महीने बाद एक और सर्जरी
– चिकित्सकों को मिल रही बधाई, पूरी तरह पुरुष बनाने के लिए 6 महीने बाद एक और सर्जरी की जाएगी
मुंबई (ईएमएस)। बीड की कॉन्स्टेबल ललिता साल्वे को ललिता से ललित बनाने की पहली सर्जरी शुक्रवार को राज्य सरकार के सेंट जॉर्ज अस्पताल में हुई। अस्पताल के अनुसार 6 डॉक्टरों की टीम द्वारा 4 घंटे तक चली सर्जरी सफल रही। फिलहाल मरीज की स्थिति सामान्य है और अगले कुछ दिन तक उसे अस्पताल में ही रखा जाएगा। जेनिटल रीकंस्ट्रक्शन सर्जरी की प्रक्रिया में यह पहली सर्जरी है। 6 महीने बाद दूसरी सर्जरी की जाएगी। अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन और सर्जरी टीम के मुखिया डॉ. रजत कपूर ने बताया कि ललिता को ललित बनाने का पहला पड़ाव पूरा हो गया है। शुक्रवार को हुई सर्जरी सफल रही। उन्होंने बताया कि ललिता के शरीर में किसी भी तरह के महिलाओं के अंग नहीं हैं। उसके शरीर में पुरुषों वाले हॉर्मोंस हैं। ऐसे में सर्जरी कर हमने उसके यूरिनरी ब्लैडर में एक पाइप डाली है, जिससे वह आने वाले समय में सामान्य पुरुषों की तरह खड़े होकर लघुशंका कर सकेंगी।
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डॉ. रजत कपूर ने बताया कि ललिता को पूरी तरह पुरुष बनाने के लिए 6 महीने बाद उनकी एक और सर्जरी की जाएगी। इसके बाद उनके चेहरे पर दाढ़ी-मूंछ भी ट्रांसप्लांट की जाएगी, ताकि उन्हें पूरी तरह से पुरुष होने का अहसास हो। ललिता साल्वे का जन्म के वक्त से ही लिंग काफी अविकसित था। उसका स्क्रोटम भी नहीं दिख रहा था। नतीजतन जन्म से ही उसकी परवरिश लड़कियों जैसे हुई। 7 साल की उम्र में ललिता के टेस्टिकल (अंडकोश) को ट्यूमर समझकर एक डॉक्टर ने सर्जरी करके निकाल दिया था। आगे चलकर ललिता को महिला कॉन्स्टेबल के तौर पर नौकरी भी मिल गई। हालांकि ललिता हमेशा से पुरुष की तरह जीना चाहती थी। 2016 में पहली बार डॉ. रजत कपूर ने जांच में पाया कि ललिता को ‘जेंडर डिस्फोरिया’ की शिकायत है।