कर्नाटक में भारी बहुमत से फिर बनेगी कांग्रेस की सरकार : सिद्धारमैया
बेंगलुरू (ईएमएस)। कर्नाटक में विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है। सिद्धारमैया ने साफ कह दिया है कि यह उनकी अंतिम चुनावी लड़ाई है। वह इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में आने जा रही है। एक साक्षात्कार में कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य में किसी तरह की एंटी-इनकम्बेंसी नहीं है। शत प्रतिशत तय है कि मैं भारी बहुमत से एक बार फिर चुना जाऊंगा। इस सवाल पर कि कर्नाटक में कोई भी पार्टी पांच साल बाद सत्ता में वापस नहीं आई के जवाब में उन्होंने कहा कि हम सत्ता में वापस आने जा रहे हैं। ओपिनियन पोलों को खारिज करते हुए सिद्धारमैया ने कहा इस तरह के प्री-पोल सर्वे जमीनी वास्तविकता पर आधारित नहीं होते। इन पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
अपने बेटे यतींद्र को वरुणा सीट से चुनाव लड़ाने और वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने के भाजपा के आरोप पर उन्होंने कहा वरुणा से मैं लड़ता, यदि यह मेरा अंतिम चुनाव नहीं होता। मैं अब 70 पार कर चुका हूं।
न तो कोई किंग और न किंगमेकर
राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि पूर्व सीएम और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच. डी. देवगौड़ा किंगमेकर बन सकते हैं और त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में वह भाजपा से हाथ मिला सकते हैं। इस पर सिद्धारमैया ने कहा, ‘साल 2004 और 2006 में भी ऐसा हुआ है, जब जेडी (एस) ने क्रमश: कांग्रेस और भाजपा के साथ गठबंधन किया था।’
सिद्धारमैया ने कहा इसी वजह से देवगौड़ा अपने को किंगमेकर मानते हैं। लेकिन इस बार जेडी (एस) 20 सीटें ही जीत पाएगी, इसलिए न तो वह किंग रहने वाले हैं और न किंगमेकर। उन्होंने दावा किया कि इस बार त्रिशंकु विधानसभा जैसी स्थति नहीं आएगी।
सिद्धारमैया ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि वह हारने के डर से दो सीटों चामुंडेश्वरी और बदामी से लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता, कांग्रेस कार्यकर्ता और विधायक चाहते थे कि वह दो जगह से चुनाव लड़ें। उन्होंने कहा कि ‘चामुंडेश्वरी में तो आसानी से जीत मिल जाएगी। भाजपा और जेडी(एस) के बीच यहां एक रणनीतिक समझदारी बनी है, लेकिन जेडी(एस) कैंडिडेट जी. टी. देवगौड़ा बहुत मुश्किल नहीं पैदा कर पाए हैं।
राजनीतिक फायदे की बात नहीं
सिद्धारमैया ने कहा कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है कि कन्नड़ गौरव और लिंगायतों के लिए अलग झंडा, अल्पसंख्यक दर्जे का मसला उठाकर कोई राजनीतिक फायदा उठाया जाए। वह विधायक चुने जाने के बाद फिर से यह मसले उठाएंगे।
इस लिए किया मानहानि का केस
क्या यह चुनाव पीएम मोदी और उनके बीच की व्यक्तिगत लड़ाई बन गई है, इस सवाल पर सिद्धारमैया ने कहा, ‘मैंने कभी भी उनकी व्यक्तिगत आलोचना नहीं की है और वे ही मेरे खिलाफ झूठे और निराधार आरोप लगाते रहे हैं। मोदी ऐसा बार-बार करते रहे, इसलिए मुझे मानहानि का केस दायर करना पड़ा।’ मोदी की भीड़ में जुट रही रैलियों के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘राज्य में कोई मोदी लहर नहीं है, उनके भाषण खोखले होते हैं। महिलाओं और युवाओं में राहुल गांधी के प्रति आकर्षण है।’