कर्ज में डूबे वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन बोले , मैं देश छोड़ कर भागने वाला नहीं
मुंबई (ईएमएस)। विडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने अपनी कंपनियों पर 20, 000 करोड़ रुपये के कर्ज के कारण देश छोड़ कर भागने की खबरों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि मैं भारत में ही हूं और मेरा देश से बाहर जाने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं भारत में बहुत खुश हूं। मैं पिछले पांच वर्षों में एक बार भी भारत से बाहर नहीं गया हूं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने जनवरी के पहले सप्ताह में विडियोकॉन इंडस्ट्रीज को बैंकरप्सी कोर्ट में भेजने की सिफारिश की थी। लेंडर्स के समूह ने कर्ज के निपटान की एक विस्तृत योजना लागू करने के मकसद से विडियोकॉन इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरीज को भी बैंकरप्सी कोर्ट में ले जाने का फैसला किया था। इन सभी कंपनियों के लिए केपीएमजी को रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया गया है। विडियोकॉन की सब्सिडियरीज मैन्युफैक्चरिंग, कंज्यूमर गुड्स की सेल और डिस्ट्रीब्यूशन जैसे कारोबारों से जुड़ी हैं। धूत ने बताया कि वह लेंडर्स की रकम चुकाने के लिए योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा मैं बैंकों की बकाया रकम का प्रत्येक रुपया चुकाने की पूरी कोशिश करूंगा।
धूत ने बकाया रकम चुकाने के बेहतर विकल्प सुझाने के लिए वित्तीय विशेषज्ञों की एक टीम की सहायता ली है। इन विकल्पों में कंपनी की संपत्तियों की बिक्री भी शामिल है। कंपनी की योजनाओं की जानकारी रखने वाले एक एग्जिक्यूटिव ने बताया, ‘विडियोकॉन ग्रुप अपने ऑयल बिजनस को बेचकर कर्ज चुकाने की कोशिश कर सकता है। अगर तेल के मूल्यों में तेजी आती है तो कर्ज चुकाने में आसानी होगी। विडियोकॉन इंडस्ट्रीज ने 2015 में ब्राजील में ऑयल एसेट्स को मैनेज करने के लिए भारत पेट्रोलियम कॉर्प (बीपीसीएल) की यूनिट के साथ आईबीवी ब्राजील पेट्रोलिओ नाम का एक जॉइंट वेंचर बनाया था।
इसमें विडियोकॉन और बीपीसीएल की यूनिट प्रत्येक की 20 फीसदी और ब्राजील की पेट्रोब्रास की 60 फीसदी हिस्सेदारी है। विडियोकॉन को कर्ज देने वाले लेंडर्स ने बताया है कि विडियोकॉन का मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) में है और कानून अपना काम करेगा। एक बैंकर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि प्रमोटर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह देश से नहीं भाग रहे। विडियोकॉन का मामला अभी एनसीएलटी में है और इसका रिजॉल्यूशन इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) प्रॉसेस के तहत किया जाएगा।’ विडियोकॉन पर लेंडर्स की 20,000 करोड़ रुपये से अधिक रकम बकाया है। इसमें एसबीआई की बकाया रकम 3,900 करोड़ रुपये की है।