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कट्टरपंथियों के दबाव में पाकिस्तान के कानून मंत्री हमीद का इस्तीफा

इस्लामाबाद, 27 नवंबर (हि.स.)। पाकिस्तान में कट्टरपंथी धार्मिक गुटों के प्रदर्शनों के हिंसक होने और सरकार पर बए़ते दबाव के मद्देनजर कानून मंत्री जाहिद हमीद ने इस्तीफा दे दिया है। यह जानकारी सोमवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।

समाचार पत्र डॉन के अनुसार, हमीद ने कहा कि उन्होंने शांति बहाली के लिए इस्तीफा दिया है। त्याग पत्र देने से पहले उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात की थी। 

विदित हो कि रविवार देर रात कट्टपंथी गुटों के नेताओं और सरकार के बीच एक समझौता हुआ था जिसमें गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों को रिहा करने अलावा उनकी अन्य कई मांगें मान ली गई थीं। सरकार ने कट्टपंथी नेताओं को आश्वस्त किया था कि कानून मंत्री को निलंबित कर दिया गया है।

इससे पहले पाकिस्तानी सेना के जनरल कमर जावेद बाजवा ने प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से मुलाकात की थी और उन्हें प्रदर्शकारियों के प्रति नरम रुख अपनाने की सलाह दी थी। 

इसके बाद देश में सुरक्षा की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नवीद मुख्तियार, गृहमंत्री अहसन इकबाल और पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ शामिल हुए थे। इस तरह सेना और चरमपंथियों के दबाव में कानून मंत्री को अंतत: अपना पद छोड़ना पड़ा। 

उल्लेखनीय है कि रविवार को पुलिस और कट्टरपंथी धार्मिक गुटों के प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में छह लोग मारे गए और 200 से अधिक के घायल हो गए थे। सरकार ने सेना से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन सेना ने कोई मदद नहीं की थी।

तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूवत, तहरीक-ए-लबैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (एसटी) के करीब 2,000 कार्यकर्ताओं ने दो सप्ताह से अधिक समय से इस्लामाबाद एक्सप्रेसवे और मुर्री रोड की घेराबंदी कर रखी थी। यह सड़क इस्लामाबाद को हवाईअड्डे और सेना के गढ़ रावलपिंडी को जोड़ती है।

स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं जिनमें कम से कम 95 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। इन सभी घायलों को इस्लामाबाद और रावलपिंडी के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। खबरों के अनुसार सिर में चोट लगने से कम से कम एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई।

पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां दागी थीं। लेकिन झड़पों के हिंसक हो जाने के बाद सुरक्षा बल पीछे हट गए।

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