सोल, 29 नवम्बर (हि.स.)। करीब ढाई महीने की चुपपी के बाद उत्तर कोरिया ने बुधवार को अपनी सबसे शक्तिशाली मिसाइल का परीक्षण किया। उसकी इस अंतरद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के दायरे में वाशिंगटन समेत अमेरिका के पूर्वी समुद्रीय तट इलाके भी आते हैं। अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।
उधर, इस मिसाइल परीक्षण के जवाब में दक्षिण कोरिया ने भी मिसाइल परीक्षण किया है। दक्षिण कोरिया की सेना ने इसकी पुष्टि की है। समाचार एजेंसी यॉनहप के अनुसार, अधिकारियों ने कहा कि मिनटों के भीतर ही उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के जवाब में मिसाइल छोड़ी की गई।
उत्तर कोरियाई मिसाइल परीक्षण को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने गंभीरतापूर्वक लिया है। उन्होंने कहा कि यह एक हिंसक कार्रवाई है और इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। अबे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तुरंत आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग की है। उम्मीद है कि बुधवार की शाम में बैठक शुरू हो सकती है।
अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने भी जापान के सुर में सुर मिलाया है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सत्र की मांग की है।
शिंजो अबे ने कहा कि वह किसी भी उकसावे की कार्रवाई के आगे नहीं झुकेंगे और प्योंगयांग पर अपना दबाव बनाए रखेंगे। विदित हो कि एक सप्ताह पहले ही अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लगाए हैं और उत्तर कोरिया को आतंक का समर्थक देश घोषित किया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइल के दायरे में अब वाशिंगटन डीसी भी आ गया है। सितंबर महीने के बाद यह पहली बार है जब उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण किया है। सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया को आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों की सूची में शामिल किया था।
अमेरिकी रक्षा सचिव जिम मैटिस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उत्तर कोरिया ऐसी मिसाइल बनाने में लगा हुआ है, जो दुनिया में कहीं भी मार कर सकती है। अमेरिका सहित कई देशों ने इस पर आक्रोश भरी प्रतिक्रिया दी है।
मैटिस ने कहा कि दो महीने की खामोशी के बाद प्योंगयांग ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है, जिसने अब तक की सबसे ज्यादा ऊंचाई हासिल की। उत्तर कोरिया की मिसाइल ने जापान सागर में कोई नुकसान तो नहीं पहुंचाया, लेकिन यह जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में जाकर गिरी।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जो-इन ने कहा कि मिसाइल परीक्षण की आशंका थी। उन्होंने आगे कहा कि अन्य देशों के लिए अब उत्तर कोरिया पर दबाव बनाए रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
व्हाइट हाउस के मुताबिक, जब मिसाइल छोड़ी गई तो तुरंत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस बारे में उसी समय सूचना दे दी गई। उत्तर कोरिया की स्थिति पर ट्रंप ने कहा कि स्थिति को संभाल लिया जाएगा।
ट्रंप ने कहा, “ थोड़ी देर पहले उत्तर कोरिया ने एक मिसाइल छोड़ी है, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि हम इस स्थिति को संभाल लेंगे। हमने जनरल मैटिस के साथ इस मुद्दे पर बातचीत की है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिससे निपट लिया जाएगा।”
एक सवाल के जवाब में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “ कुछ नहीं बदला, कुछ नहीं बदला। हमने बेहद कड़ा रुख अपनाया, लेकिन कुछ नहीं बदला।”
अमेरिकी रक्षा विभाग ने उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण को ट्रैक किया। पेंटागन के प्रवक्ता कर्नल रॉब मैनिंग ने कहा कि शुरुआती अनुमानों में कहा गया कि यह एक अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल थी।
अमेरिका के विदेश मंत्री जेम्स टिलरसन ने भी उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक स्वर में उत्तर कोरिया को जवाब देना चाहिए। सभी देशों को राजनीतिक और आर्थिक तौर पर कड़े कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि कूटनीतिक विकल्प अब भी खुले हैं। अमेरिका शांतिपूर्ण हल तलाशने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है। उत्तर कोरिया को परमाणु हथियारों से मुक्त करने और उसकी भड़काऊ कार्रवाई को थामने के लिए अमेरिका हर संभव प्रयास करेगा।