देहरादून (ईएमएस)। किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने की कवायद को अब उत्तराखंड सरकार ने भी तेज कर दिया है। किसानों को कृषि उत्पाद का सही मूल्य दिलाने और मार्केटिंग की गारंटी देने के लिए प्रदेश में जल्द ही कांट्रेक्ट फार्मिंग सर्विस बोर्ड का गठन किया जाएगा। इस बोर्ड के माध्यम से किसानों और कंपनियों के बीच उत्पादन को खरीदने के लिए एक अनुबंध किया जाएगा। इसके साथ ही बोर्ड अनुबंध से संबंधित शिकायती मामलों की सुनवाई भी करेगा। इसके लिए केंद्र की ओर से जारी एग्रीकल्चर प्रोड्यूस लाइव स्टॉक मार्केटिंग एक्ट के मॉडल का राज्य सरकार परीक्षण करा रही है। मॉडल एक्ट में फल और सब्जी पर मंडी शुल्क खत्म करने के प्रावधान को लेकर उत्तराखंड समेत कई राज्यों की ओर से आपत्ति जताई गई है। गौरतलब है कि इसमें मंडी समितियों को राजस्व का नुकसान होगा। केंद्र सरकार ने कृषि उपज की मार्केटिंग सहित अन्य सभी सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए एग्रीकल्चर प्रोड्यूस एवं लाइव स्टॉक मार्केटिंग प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन एक्ट 2017 का मॉडल तैयार कर सभी राज्यों को लागू करने के निर्देश दिए थे। मॉडल एक्ट के प्रावधानों को लागू करने के लिए प्रदेश सरकार गहन परीक्षण कर रही है।
इसके बाद ही उत्तराखंड कृषि उत्पादन एंड विपणन अधिनियम में संशोधन किया जा सकेगा, ताकि फिर केंद्र की तर्ज पर उत्तराखंड में कांट्रेक्ट फॉर्मिंग सर्विस बोर्ड का गठन किया जाए। इसके लिए मॉडल एक्ट का परीक्षण कर राजस्व कृषि उद्यान और अन्य विभागों ने एक साथ मिलकर शासन स्तर पर प्रस्ताव तैयार करने की कवायद भी शुरू कर दी है, ताकि जल्द ही इसे कैबिनेट में भेजा जा सके। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का मानना है कि कुछ समय पहले दिल्ली में हुई बैठक में इस मामले पर मंथन हुआ था और अब सरकार इसका परीक्षण करा रही है, ताकि इसकी व्यवहारिक कठिनाइयों का निस्तारण किया जा सके।