Home Sliderखबरेदेशनई दिल्ली

आधे भारतीयों तक नहीं पहुंच रही आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं

नई दिल्ली (ईएमएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आधे भारतीयों की आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच नहीं है, जबकि वैसे लोग जो स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं वे अपनी आय का 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सा इलाज पर ही खर्च कर देते हैं।

डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर प्रकाशित विश्व स्वास्थ्य सांख्यिकी 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आबादी का 17.3 फीसदी या लगभग 23 करोड़ नागरिकों को 2007-2015 के दौरान इलाज पर अपनी आय का 10 फीसदी से अधिक हिस्सा खर्च करना पड़ा। भारत में इलाज पर अपनी जेब से खर्च करने वाले पीड़ित लोगों की संख्या ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की कुल आबादी से भी अधिक है। भारत की तुलना में, इलाज पर अपनी आय का 10 फीसदी से अधिक हिस्सा खर्च करने वाले लोगों का कुल जनसंख्या में प्रतिशत श्रीलंका में 2.9 फीसदी, ब्रिटेन में 1.6 फीसदी, अमेरिका में 4.8 फीसदी और चीन में 17.7 फीसदी है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट ने आगे बताया गया की देश की आबादी का 3.9 फीसदी हिस्सा यानी करीब 5 करोड़ भारतीय अपने घरेलू बजट का एक चौथाई से ज्यादा खर्च इलाज पर ही कर देते हैं जबकि श्रीलंका में ऐसी आबादी महज 0.1 फीसदी है, ब्रिटेन में 0.5 फीसदी, अमेरिका में 0.8 फीसदी और चीन में 4.8 फीसदी है। इलाज पर अपनी आय का 10 फीसदी से ज्यादा खर्च करने वाली आबादी का वैश्विक औसत 11.7 फीसदी है।

इनमें 2.6 फीसदी लोग अपनी आय का 25 फीसदी से ज्यादा हिस्सा इलाज पर खर्च करते हैं और दुनिया के करीब 1.4 फीसदी लोग इलाज पर खर्च करने के कारण ही अत्यंत गरीबी का शिकार हो जाते हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहानोम गेबेरियस ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘बहुत से लोग अभी भी ऐसी बीमारियों से मर रहे हैं, जिसका इलाज आसानी से हो सकता है या फिर ऐसी बीमारी जिसे आसानी से रोका जा सकता है। बहुत से लोग केवल इलाज पर अपनी कमाई को खर्च करने के कारण गरीबी में धकेल दिए जाते हैं और बहुत से लोग स्वास्थ्य सेवाओं को ही पाने में असमर्थ हैं। यह अस्वीकार्य है।’

Related Articles

Back to top button
Close