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अब बस दुर्घटना से बचाव के लिए ड्राइवर-कंडक्टरों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

लखनऊ, 06 जून = उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) बस दुर्घटना से बचाव के लिए एक से दो दिन के अंदर लखनऊ परिक्षेत्र की सभी कार्यशालाओं मेें चालकों और परिचालकों को प्रशिक्षण देगा।

लखनऊ परिक्षेत्र के सेवा प्रबंधक अजीत सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण में जरूरत पड़ने पर फायर एक्सटिंग्युशर का प्रयोग करना भी सिखाया जाएगा। इसके अलावा रोडवेज बसों के फस्ट एड बॉक्स में प्राथमिक उपचार के लिए दवाएं रखवाई जाएगी। रोडवेज बसों के अधिकतर इमरजेंसी दरवाजे काफी समय से बंद पड़े रहने के कारण जाम हो गए हैं, ऐसे में अगर बस के अंदर कोई हादसा हो जाता है तो इमरजेंसी दरवाजा खोलना यात्रियों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं होगा।

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सेवा प्रबंधक ने बरेली की बस दुर्घटना पर अफसोस जताते हुए कहा कि वैसे तो वर्कशाप में मेंटेनेंस के दौरान हर पहलू पर नजर रखी जाती है। बसों में लगे इमरजेंसी गेट की अब बेहतर तरीके से मरम्मत कराई जाएगी। जिससे यदि कोई हादसा होता है तो तत्काल इमरजेंसी गेट से यात्रियों को बाहर निकाला जा सके। रोडवेज बसों में आग पर काबू पाने के लिए फायर एक्सटिंग्युशर तो लगे हैं, लेकिन चालकों-परिचालकों के इनके प्रयोग की कोई जानकारी नहीं है। इसलिए जल्द ही चालकों और परिचालकों को फायर एक्सटिंग्युशर के बारे में जानकारी दी जायेगी।

रविवार रात दो बजे के आसपास परिवहन निगम की गोण्डा डिपो की बस (संख्या- यूपी 43 टी 5978) जो दिल्ली से गोण्डा जा रही थी, बरेली के पास ट्रक से टकरा गई थी। बस में आग लगने से 24 यात्री जिंदा जल गए और 15 घायल हो गए। वहीं परिवहन निगम के आला अधिकारियों ने बस दुर्घटना का मुआयना किया और मृतकों के परिजनों को यात्री राहत कोष से पांच-पांच लाख रुपये व घायलों को 20-20 हजार रुपये देने का त्वरित ऐलान किया।

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