अपनों को छोड़े नहीं अपनाएं : स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज
मुंबई =स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज कहते है कि पिछड़े कहे जाने वाले हिन्दू समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग अब स्वयं को अहिन्दू मत वाला कहने लगा है। और इतनी बड़ी संख्या में आज मुसलमान कहां से आए? ये वही हैं जिन्होंने कभी तुर्कों का छुआ खा लिया था, उनका पानी पी लिया या फिर 10 दिन उनकी कैद में रह गए। हिन्दुओं ने धर्म के नाम पर उन्हें निकाल दिया, अछूत मान लिया। उससे बड़ा दुर्भाग्य यह कि हिन्दू धर्म में पुन: प्रवेश के रास्ते को भी बन्द कर दिया। इस धार्मिक भ्रांति का लाभ उठाया मुसलमानों और ईसाईयों ने। आज भारत में जो बड़ी संख्या में मुसलमान और ईसाई दिखाई देते हैं, वे हमारे ही भाई हैं, एक ही पूर्वज की सन्तान हैं। अब इस बात की आवश्यकता है कि हमारे जो भाई किन्हीं कारणों से 100-200 वर्ष पहले बिछुड़ गए थे, उन्हें अपने साथ लाएं। यदि वे पुन: अपने वैदिक हिन्दू धर्म में आना चाहें तो उनका स्वागत करें।
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