ख़राब खाने की शिकायत करने वाले जवान तेज बहादुर को BSF ने किया बर्खास्त
नई दिल्ली. बीएसएफ के जवान तेज बहादुर को बर्खास्त कर दिया गया है। जवान का आरोप था कि बीएसएफ के मैस में जवानों को खराब खाना दिया जाता है। जिसका वीडियो शूट करके सोशल मीडिया पर शेयर किया था जो वायरल हो गया था। उसके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में हुई जांच के बाद की गई है, इसमें उसे बीएसएफ की इमेज खराब करने का दोषी पाया गया है।
ये हैं पूरा मामला
दरअसल, 9 जनवरी में जवान ने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया था। तेजबहादुर ने वीडियो में दावा किया था, ”हम किसी सरकार के खिलाफ आरोप नहीं लगाना चाहते। क्योंकि सरकार हर चीज, हर सामान हमको देती है. मगर अाला अफसर सब बेचकर खा जाते हैं, हमको कुछ नहीं मिलता। कई बार तो जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है। मैं आपको नाश्ता दिखाऊंगा, जिसमें सिर्फ एक पराठा और चाय मिलता है। ”उसके साथ अचार नहीं होता। दोपहर के खाने की दाल में सिर्फ हल्दी और नमक होता है, रोटियां भी दिखाऊंगा। मैं फिर कहता हूं कि भारत सरकार हमें सब मुहैया कराती है, स्टोर भरे पड़े हैं मगर वह सब बाजार में चला जाता है। इसकी जांच होनी चाहिए।”
यादव ने कहा था कि पाकिस्तान सीमा पर कई बार तो जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है। वीडियो पर पीएमओ ने होम मिनिस्ट्री से रिपोर्ट मांगी थी।
जिसके बाद LOC से शिफ्ट कर प्लम्बर का काम दिया गया था
तेज बहादुर का शिकायती वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें LOC से शिफ्ट कर प्लम्बर का काम सौंप दिया गया था।इसके बाद उसका एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ। इसमें उन्होंने कहा था कि BSF अफसर मुझे डिसिप्लन तोड़ने का आरोपी बता रहे हैं। अगर ऐसा है तो फिर मुझे 14 अवॉर्ड क्यों दिए गए ?
इस पर BSF आईजी डीके उपाध्याय ने कहा था कि LOC पर तैनात फोर्स का राशन आर्मी सप्लाई करती है। ऐसे में, उसमें खराबी कैसे हो सकती है ? BSF आईजी (जम्मू रेंज) डीके उपाध्याय ने इसके जवाब में कहा था कि तेज बहादुर का 2010 में सीनियर अफसर पर बंदूक तानने के लिए कोर्ट मार्शल हुआ था। परिवार का ख्याल करते हुए बर्खास्त करने के बजाय 89 दिन जेल में रखकर नौकरी बहाल कर दी गई। 20 साल के करियर में 4 बार कड़ी सजा मिल चुकी है।
सीएजी रिपोर्ट में खुलासा
बता दें कि सीएजी की पिछले साल सामने आई रिपोर्ट में कहा गया था कि आर्मी के सर्वे में खुलासा हुआ कि 68% जवान खाने को असंतोषजनक या फिर लो लेवल का मानते हैं। सैनिकों को लो क्वालिटी का मीट और सब्जी दी जाती है। राशन भी कम होता है।
पत्नी ने लगाया था गंभीर आरोप
वही फरवरी में तेजबहादुर की पत्नी ने आरोप लगाया था कि बीएसएफ ने पति को कैद कर लिया है। फैमिली उनसे कॉन्ट्रैक्ट नहीं कर पा रही है, मोबाइल भी बंद है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल की थी। जिस पर कोर्ट ने BSF से कहा कि तेजबहादुर की पत्नी को उनसे मिलने दिया जाए। वह चाहें तो हफ्ते में दो दिन उनके साथ हेडक्वार्टर में रह सकती हैं।
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बीएसएफ ने इस दौरान कोर्ट को बताया था कि जवान को गिरफ्तार नहीं किया है। उनके खिलाफ कोड ऑफ कंडक्ट वॉयलेशन की जांच हो रही है। इसके पूरा होने तक जवान को रिलीव नहीं किया जा सकता।