Uttarakhand.हरिद्वार, 10 मार्च = धर्मनगरी में युवा कंबल व्यापारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड मामले में पुलिस की जांच हरिद्वार में सक्रिय पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक बड़े माफिया पर टिकी है। कारण कंबल व्यापारी ने भी रियल इस्टेट का कारोबार शुरू किया था। इन दिनों माफिया का हरिद्वार के रियल एस्टेट खासकर विवादित और बेनामी संपत्तियों के धंधे में तेजी से दखल बढ़ा है।
बताते चलें कि अमित दीक्षित हत्याकांड मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं। पुलिस ने घटनास्थल से 60 मीटर की दूरी स्थित सीसीटीवी फुटेज, आसपास खेल रहे बच्चों और अन्य लोगों से पूछताछ कर चुकी है। लेकिन कोई काम की जानकारी हाथ नहीं लग सकी है।
पुलिस को घटनास्थल से कुछ दूरी पर स्थित दुकान जहां के बारे में कहा जा रहा है कि हत्यारों ने घटना को अंजाम देने से पहले यहां पर सिगरेट पी थी, से कुछ काम की जानकारी मिलने की उम्मीद थी पर, वहां से भी कुछ हासिल नहीं हो सका। ऐसे में पुलिस ने अपनी जांच की दिशा हरिद्वार के रियल एस्टेट के धंधे में तेजी से सक्रिय हो रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के माफिया पर टिका दी है।
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी ने रिश्तेदार संग मिलकर रियल एस्टेट का कारोबार भी शुरू कर दिया था। क्योंकि पुलिस को गोल्डी की हत्या की कोई ठोस वजह अभी तक पता नहीं चल सकी है। इसलिए मामले की जांच कर रही एजेंसी का मानना है कि इस धंधे में नया खिलाड़ी होने से वह कहीं किसी सौदे को लेकर माफिया के निशाने पर न आ गया हो।
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मूलरूप से अमित सहारनपुर का निवासी था। उसके पिता वहां पर चिकित्सक थे और उसकी मां अब भी वहीं रहती हैं। अमित को उसके नाना ने बचपन में ही पिता की हृदयघात से हुई मौत के बाद लिखा-पढ़ी में गोद ले लिया था। इस वजह से यहां पर नजदीकी को छोड़ अधिकांश लोग उसके नाना को ही पिता मानते और जानते थे, क्योंकि गोद लेने के बाद उसके पिता की जगह उसके नाना एमपी शर्मा का ही नाम चल रहा था। पुलिस ने इस नजरिए से सहारनपुर स्थित अमित की पुश्तैनी संपत्ति को लेकर भी जांच पड़ताल की पर, उसके हाथ कुछ नहीं लगा।
उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों पर व्यापार के नजरिए से हरिद्वार के व्यापारियों के संपत्ति लेने की मंशा के मद्देनजर पुलिस पता लगाने में जुटी है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं अमित दीक्षित किसी पहाड़ी स्थल पर किसी बड़ी संपत्ति के चक्कर में रहा हो और किसी से ठन गई हो। पुलिस ने अपनी एक टीम इसकी जांच में भी लगा रखी है।
हरिद्वार के व्यापारिक संगठन की ओर से हत्या को अंजाम देने वालों की धरपकड़ की चेतावनी देते हुए आज तक का अल्टीमेटम दिया गया था। जिसको लेकर पुलिस खासी परेशान हैं। खुफिया विभाग की टीम व्यापारियों पर नजर रखे हैं।मामले के खुलासे में हो रही देरी को लेकर जहां व्यापारियों में आक्रोष है वहीं नवागत एसएसपी केकेवीके की विष्वसनीयता भी दांव पर है। पुलिस की सक्रियता को देखते हुए कहा जा सकता है कि जल्द ही गोल्डी के हत्यारे सलाखों के पीछे होंगे।