स्मिता पाटिल के आने से हीरोइनों के रोल में बदलाव देखने को मिला -आशुतोष
मुंबई, 25 जनवरी= 20 जनवरी से शुरू हुए एक सप्ताह वाले यशवंत फिल्मोत्सव के दौरान स्मिता पाटिल स्मृति व्याख्यान में बॉलीवुड के दिग्गज निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने ‘मैं सिनेमा को इस तरह से देखता हूं’ विषय पर अपने विचार रखे।
उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्मों में नायिकाओं की भूमिका लगभग एक जैसी होती है। हीरोइनों के रोल में बहुत कम बदलाव देखने को मिलते हैं। स्मिता पाटिल की यादों को ताजा करते हुए आशुतोष गोवारिकर ने कहा कि स्मिता पाटिल के आने से हीरोइनों के रोल में बदलाव देखने को मिला।
स्मिता पाटिल ने 10 साल के करिअर में अलग-अलग तरह की भूमिकाओं को अंजाम दिया और हर तरह के सिनेमा में काम किया। आशुतोष ने कहा कि अक्सर वे उन भूमिकाओं में खो जाते हैं और हैरान होते हैं कि उन्होंने ये सब कैसे किया होगा। उनका कहना था कि स्मिता पाटिल जैसी कलाकार की कमी फिल्म इंडस्ट्री को आज भी महसूस होती है।
सातवें यशवंत फिल्मोत्सव का समापन 26 जनवरी को होगा।