सुप्रीम कोर्ट: हाईवे पर शराब की दुकानों पर लगे बैन पर गुरुवार को भी पुनर्विचार पर होगी सुनवाई .
नई दिल्ली, 29 मार्च := हाईवे पर शराब की दुकानों पर बैन लगाने के अपने पहले के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से तमिलनाडु और तेलंगाना ने पुनर्विचार की मांग की है। चीफ जस्टिस जेएस खेहर, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने राज्यों की अर्जी पर बुधवार को सुनवाई की जो कल भी जारी रहेगी ।
अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि पंजाब की मांग है कि शराब की बिक्री पर बैन केवल एनएच पर ही नहीं होना चाहिए बल्कि स्टेट हाईवे पर भी बैन होना चाहिए । स्टेट हाईवे कई छोटे छोटे शहरों से होकर गुजरता है । उन्होंने कहा कि ओरिजनल याचिका पंजाब की तरफ से दायर की गई है लेकिन इसे पूरे देश के लिए विस्तार करना चाहिए । उन्होंने कहा कि 500 मीटर के दायरे पर सभी जगहों पर रोक नहीं लगाई जा सकती है । ये अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से लागू होना चाहिए । उन्होंने कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलानेवालों पर अंकुश लगाने के अलग-अलग तरीके हैं लेकिन शराब की दुकानों पर रोक लगाने से राज्यों को काफी नुकसान होगा ।
चीफ जस्टिस ने पूछा कि एक राज्य में स्टेट हाईवे से गुजरनेवाली कितनी शराब की दुकानें होंगी ? सौ या दो सौ, तो अटार्नी जनरल ने कहा कि तमिलनाडु में पांच हजार दुकानें स्टेट हाईवे पर हैं । चीफ जस्टिस ने कहा कि राज्यों को हो रहे नुकसान का राज्यों को विकल्प ढूंढ़ना होगा । जिसकी मौत होती है उसका परिवार सबसे ज्यादा भुगतता है ।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च के बाद नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे से 500 मीटर की दूरी तक शराब की बिक्री पर बैन लगा दिया है । राज्य सरकारें इस आदेश में संशोधन की मांग कर रही हैं । चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर कल सुनवाई करेगी । चीफ जस्टिस ने कहा कि मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस चंद्रचूड़ आज उपलब्ध नहीं हैं लिहाजा कल सुनवाई होगी।
आपको बता दें कि पिछले साल 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर शराब की दुकानों पर बिक्री पर एक अप्रैल से बैन लगाने का आदेश दिया था
। सुप्रीम कोर्ट ने एनएच और एसएच से 500 मीटर तक तक शराब की दुकानों पर रोक लगाई है । कोर्ट ने कहा था कि अब एनएच और एसएच पर शराब की दुकानों के साईनबोर्ड नहीं दिखेंगे । कोर्ट ने आदेश दिया है कि अब नए लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे और न ही पुराने लाइसेंस को रिन्यू किया जाएगा । सभी राज्यों के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कराने की निगरानी करेंगे।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में हाईवे पर होने वाली सड़क दुर्घटना पर याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया है कि इन दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह शराब पीकर गाड़ी चलाना है।
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