सुप्रीम कोर्ट के जजों के नाम पर रिश्वत लेने की कोशिश संबंधी एक और याचिका संविधान बेंच को रेफर
नई दिल्ली, 10 नवम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के नाम पर रिश्वत लेने की कोशिश के मामले की एसआईटी से मांग करनेवाली एक और याचिका को पांच सदस्यीय संविधान बेंच को रेफर कर दिया है। जब याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने जस्टिस एके सिकरी की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इस याचिका को मेंशन किया तो जस्टिस सिकरी ने पूछा कि जब एक याचिका पहले से रेफर की जा चुकी है तो दूसरी याचिका दायर करने की क्या जरुरत है। जस्टिस सिकरी ने 9 नवंबर को जस्टिस चेलमेश्वर की कोर्ट में याचिका को मेंशन करने पर दुख व्यक्त किया। तब प्रशांत भूषण ने कहा कि मेडिकल दाखिला में घोटाले को लेकर सीबीआई की एफआईआर चीफ जस्टिस से जुड़ा हुआ है| इसलिए उसे चीफ जस्टिस की कोर्ट की बजाय जस्टिस चेलमेश्वर की कोर्ट में मेंशन किया गया था। तब जस्टिस सिकरी ने कहा कि अगर आप चाहते थे कि चीफ जस्टिस सुनवाई न करें तो आपको चीफ जस्टिस से कहना चाहिए था इस मामले के एडमिनिस्ट्रेटिव पक्ष से हट जाएं।
9 नवंबर को जस्टिस चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक ऐसी ही याचिका को संविधान बेंच को रेफर कर दिया था। वकील कामिनी जायसवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि वे सीलबंद लिफाफे में पूरी रिपोर्ट दें । इस मामले पर अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा था कि ये आरोप न केवल गंभीर हैं बल्कि ये न्यायपालिका और राष्ट्र दोनों के लिए संवेदनशील हैं। कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था कि उड़ीसा हाईकोर्ट के पूर्व जज कुद्दुसी की जांच के मामले में जो भी महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं उन्हें सील किया जाए। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने कहा था कि उड़ीसा हाईकोर्ट के पूर्व जज कुद्दुसी की मेडिकल कॉलेज घोटाला मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज के नाम पर रिश्वत लेने की कोशिश की थी।
कामिनी जायसवाल के वकील दुष्यंत दवे ने जस्टिस चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए कहा था कि कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट के जजों के नाम पर रिश्वत लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने वैसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।