सीएचसी के अलावा अन्य डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष की गई
नई दिल्ली, 27 सितम्बर (हि.स.)। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा (सीएचसी) के अलावा अन्य डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाकर 65 वर्ष करने को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इससे पहले भी कुछ क्षेत्रों में डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का फैसला लिया गया था| यह इसी क्रम लिया गया फैसला है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसे केवल एक उम्र में संशोधन के तौर पर मत देखिये। व्यापक रोगी देखभाल का एक महत्वपूर्ण अंग है जो भारत सरकार के अंतर्गत डॉक्टर आते हैं उनसे रोगी देखभाल को आगे बढ़ाने के तौर पर देखा जाना चाहिये।’’ इस निर्णय से केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों के लगभग 1445 डॉक्टर लाभान्वित होंगे।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय रेल चिकित्सा सेवा के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु, उच्चतर शिक्षा विभाग के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालयों में और आईआईटी (स्वायत्त निकायों) में कार्यरत डॉक्टरों और जहाजरानी मंत्रालय के तहत प्रमुख पत्तन न्यासों (स्वायत्त निकायों) के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाने को मंजूरी प्रदान कर दी है।
इसके अलावा संबंधित मंत्रालयों व विभागों आयुष मंत्रालय (आयुष चिकित्सक), रक्षा विभाग (सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा महानिदेशक के अधीन सिविलियन चिकित्सक), रक्षा उत्पादन विभाग (भारतीय आयुध कारखाने, स्वास्थ्य सेवा चिकित्सा अधिकारी), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अधीन दंत चिकित्सक, रेल मंत्रालय के अधीन दंत चिकित्सक और उच्चतर शिक्षा विभाग के अधीन उच्चतर शिक्षा तथा तकनीकी संस्थानों में कार्यरत चिकित्सक के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है।
मंत्रिमंडल ने संबंधित मंत्रालयों, विभागों व संगठनों को प्राशासनिक पद का कार्यभार संभालने वाले चिकित्सकों की आयु के संबंध में कार्यात्मक अपेक्षाओं के अनुसार समुचित निर्णय लेने की शक्तियां भी प्रदान कर दी हैं। इस निर्णय से बेहतर रोगी परिचर्या, चिकित्सा कॉलेजों में उचित एकेडमिक गतिविधियों में सहायता मिलेगी तथा साथ ही स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का प्रभावी कार्यान्वयन भी होगा।