सिर की चोट और स्ट्रोक के मरीज के लिए नई थेरेपी
लंदन (ईएमएस)। सिर में गंभीर चोट लगने या मस्तिष्का घात होने पर चिकित्सकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है सिर के तापमान को नियंत्रित करने की। इसके बिना सिर में बन रहा दबाव कम नहीं किया जा सकता है, जिससे सूजन को कम करने में मदद मिल सके। इससे सिर की नसें भी प्रभावित होती हैं, वहीं और गंभीर चोट भी आ सकती है। एक शोध में विशेषज्ञों ने चिकिस्तकीय रूप से मस्तिष्क को ठंडा करने से उसका तापमान नियंत्रित होगा और सिर की चोट व आघात के मरीजों को राहत मिल सकेगी। इस अध्ययन में यह भी देखा गया कि ठंडा करने के इस उपचार से जन्म के समय परेशानी झेलने वाले बच्चों का इलाज भी आसान होगा, क्योंकि इससे उनके पूरे शरीर को ठंडा करने की जरूरत नहीं होगी।
नवजात शिशुओं में हाईपॉक्सिक इस्केमिक एनसीफेलापैथी (एचआइई) नाम की मस्तिष्क के क्षतिग्रस्त होने की समस्या हो जाती है। यह ऑक्सीजन की कमी के कारण होती है। ऐसे नवजात के इलाज करने में नई थेरेपी कारगर साबित हो सकती है। इनके मस्तिष्क के तापमान को 37 डिग्री सेल्सियस से घटाकर 36 डिग्री सेल्सियस तक लाया जा सकता है। यह अवस्था उनकी रिकवरी के लिए काफी होती है। पत्रिका में प्रकाशित शोध में शाधकर्ताओं की टीम ने 3डी मॉडल बनाया जो तापमान और रक्त प्रवाह बताने में सक्षम था। यह अध्ययन यूनिवर्सिटीज स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में किया गया है। भारतीय मूल के प्रमुख शोधकर्ता प्रशांत वल्लूरी ने बताया कि तापमान घटाने की थेरेपी से मस्तिषक की सेहत से जुड़ी समस्याओं में और सुधार आने की उम्मीद है।