सिखों पर चुटकुले बने या नहीं ,सुनवाई 27 मार्च को.
National.नई दिल्ली, 07 फरवरी = सिखों पर चुटकुले रोकने की मांग करनेवाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर वो कोई दिशानिर्देश देना नहीं चाहती है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे चुटकुलों पर प्रतिबंध लगाने का काम विधायिका के अंतर्गत किया जा सकता है। जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सिखों पर बनने वाले चुटकुलों पर कुछ लोग हंसते हैं तो कुछ लोगों पर कुछ फर्क नहीं होता है। ऐसे में इस मामले में हम कैसे प्रतिबंध लगा सकते हैं?
उन्होंने कहा कि सिख समुदाय काफी आदरणीय समाज है लेकिन आप मुकदमा लड़कर उनकी अहमियत घटा रहे हैं । कोर्ट मामले पर अगली सुनवाई 27 मार्च को करेगा ।सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि सिखों पर बनने वाले चुटकुलों को इंटरनेट पर भेजा जाता है तो यह आईटी कानून के अंर्तगत आता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में जब कोई केस हमारे पास आता है तो हम सुनवाई करते हैं। पर ऐसे मामलों में कोई निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में सिख संगठनों को कहा था कि वे ऐसा प्रणाली तैयार करे जिससे सिखों पर बनने वाले चुटकुलों पर रोक लगाई जा सके।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कहा संता-बंता के चुटकुले बनाकर सिखों का मजाक बनाया जाता है।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने वर्ष 2015 में सुप्रीम कोर्ट में सिखों पर बनने वाले चुटकुलों पर रोक लगाने की मांग संबंधी याचिका दायर की थी। कमेटी का कहना था कि संता-बंता के चुटकुले बनाकर सिखों का मजाक बनाया जाता है।
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