साल में केवल एक बार ही भक्तों को दर्शन देती हैं कंकाली देवी.
रायपुर, 30 सितम्बर: राजधानी के कंकालीपारा में प्रतिष्ठित हैं मां कंकाली देवी वर्ष में केवल एक बार ही अपने भक्तों को दर्शन देती हैं और वह भी विजयादशमी के दिन।
बताया जा रहा है कि देवी ने 400 साल पहले मठ के महंत कृपालु गिरी महाराज को स्वप्न में मंदिर बनवाने को कहा। माता के निर्देश के बाद मठ की प्रतिमा को मंदिर में स्थापित किया गया। मान्यता है कि माता दशहरे के दिन कंकाली मठ में विराजित होती हैं, बाकी दिन वे मंदिर में होती हैं। नवरात्र पर मंदिर में आस्था के हजारों जोत जगमगा रहे हैं। माता के भक्त अपनी मुराद लेकर यहां पहुंचते हैं।
मंदिर के पुजारी ने बातया नौ दिन के माता की सेवा के बाद दसवें दिन मातारानी आराम करने लिए एक मठ अपने शयन कक्ष में प्रवेश करती हैं जहां वे सालभर विश्राम की अवस्था में ही विराजमान रहती हैं जिसके दरवाजे साल में एक बार सिर्फ दशहरा के दिन ही खोले जाते हैं। इस दिन यहां भक्तों का लगता है तांता लगा रहता है। दहशरा के दिन माता रानी के दर्शन करना यहां के लोगों के लिए शुभ माना जाता है। भक्तों का मानना है कि माता रानी के दर्शन करने के बाद उन पर साल भर कोई विपदा नहीं आएगी और उनके घर और परिवार में खुशहाली बनी रहेगी। (हि.स.)।
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