हरिद्वार, 03 फरवरी : साध्वी के साथ छेड़छाड़ मामले में कनखल पुलिस ने साध्वी की तहरीर के बाद जिस संत सदा शिवानंद को हिरासत में लिया है। उसकी पृष्ठभूमि भी आशिक मिजाज रही है। संत के पूर्व के इतिहास को देखते हुए साध्वी के आरोपों को सही ठहराया जा सकता है।
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बताया जाता है कि जो गंभीर आरोप साध्वी ने संत सदा शिवानंद पर लगाए हैं, उन्हीं आरोपों में विगत वर्ष संत परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में भी लोगों की मार खा चुका है। उस समय लोगों को अधिक उग्र हुआ देख स्वामी असंगानंद सरस्वती महाराज ने लोगों की पिटाई से संत की जान बचाई थी। घटना के बाद स्वामी असंगानंद ने संत को अपने आश्रम से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इससे पूर्व बनारस व माउण्ट आबू में भी संत अपनी इन्हीं हरकतों के कारण पूर्व में आश्रमों से निकाला जा चुका है।
अब कनखल में संत ने साध्वी से छेड़छाड़ की घटना को अंजाम देकर अपनी पुरानी आदत को एक बार फिर से दोहराया। हरिद्वार में भी संत इसी प्रकार के कई विवादों में घिरा रहा है तथा कई बार लोेगों द्वारा संत की पिटाई भी की जा चुकी है। (हि.स.)।