सवालो के घेरे में खिलाडी नीतिशा की मौत,खेलों के मैदान में भारत के लिए बड़ा कारनामा करने का मादा रखती थी यह खिलाडी .
रमेश ठाकुर,22 दिसम्बर : समुंद्र की लहरों ने एक होनहार भारतीय महिला खिलाड़ी को अपने आगोश में समा लिया। इसके साथ ही एक उभरती महिला फुटबाल स्ट्राइकर खिलाड़ी का करियर शुरू होने से पहले की खत्म हो गया। भारत की पंद्रह वर्षीय एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी की ऑस्ट्रेलिया में मौत हो गई। बालिका का नाम नीतिशा नेगी था जो ऑस्ट्रेलिया के एडिलेट में तीन से नौ दिसंबर के बीच संपन्न हुए 10वें पेसिफिक प्रतियोगिता में इंडियन स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया की अंडर-18 टीम में बतौर भारतीय महिला फुटबॉल खिलाड़ी शामिल थी। शुरूआती जांच में नीतिशा की मौत समुद्र किनारे मोबाइल से सेल्फी लेते समय डूबने से हुई, लेकिन यह थ्योरी महज सच को दबाने के लिए गढ़ी जा रही है। टीम में शामिल दूसरी लड़कियां साफ कह रहीं है कि खेल समाप्त होने के बाद जब पूरी टीम बीच पर पहुंची तो सभी के फोन जमा करा लिए गए थे। इसलिए सेल्फी से हादसा होने की बात गलत साबित होती है।
बालिका की मौत को रहस्य बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शी खिलाडियों की आमदगी पूरी घटना की सच्चाई बताने के लिए काफी है। पर उन्हें भी चुप रहने की हिदायतें दी जा रही हैं। खेल मंत्रालय की माने तो मैच खत्म होने के बाद एडिलेड में समुद्री बीच पर गयीं पांच लड़कियां तेज समुद्री लहरों में गलती से चली गई थी जिनमें चार लड़कियों को तुरंत बचा लिया गया था, लेकिन तेज लहरें नीतिशा नेगी को निगल गईं। वैसे टीम की एक सदस्य स्मृति चौहान ने नीतिशा की मौत पर संदेह जाहिर किया है। उनके लिहाज से नीतिशा की मौत सामान्य नहीं, बल्कि असामान्य है।
नीतिशा जब हादसे का शिकार हुई तो उसके साथ चार लड़कियां थीं, बाकी दूसरी दिशा में थीं। हो सकता है, उसे पानी के तेज बहाव में किसी ने धक्का दिया हो, जिससे वह लहरों में समा गई हो। फुटबॉलर नीतिशा नेगी की मौत भंयकर लापरवाही और अनहोनी की तरफ इशारा करती है। मौत से जुड़े सभी तथ्यों पर गहनता से जांच करने की दरकार है। दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया में 3 दिसंबर 2017 से शुरू होकर 9 दिसंबर 2017 को खत्म हुए 10वें पेसिफिक स्कूल गेम्स में भारत की अंडर-18 महिला फुटबॉल की 16 सदस्यीय टीम ने हिस्सा लिया था। टीम के कलावा कोच वीरेंद्र सिंह और मैनेजर लीना व्यास भी साथ थीं। सभी खिलाड़ियों की राष्ट्र-सुरक्षा की जिम्मेवारी कोच, मैनेजर व स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी एसजीएफआई की थी, लेकिन पूरे मामले से ये सभी बचते नजर आ रहे हैं। दूसरी ओर. हालात मौत की गवाही कुछ और ही दे रहे हैं। पर, हमने एक बेहतरीन खिलाड़ी खो दिया।
पुलिस और खेल प्रशासन की कहानी पर कोई विश्वास नहीं कर रहा। पूरा देश जानना चाहता है मौत की असली वजह। आखिर नीतिशा की मौत हुई कैसे? मौत के मुंह में समाने चाली 15 साल की नीतिशा का परिवार दिल्ली में रहता है। वह मूलरूप से उत्तराखंड के जिले गढ़वाल की रहने वाले हैं। नीतिशा दिल्ली के राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय में 11वीं की छात्रा थीं। मैदान पर स्ट्राइकर की अहम भूमिका निभाती थी। खेलों के फलक पर भारत के लिए बड़ा कारनामा करने का मादा रखती थी।
फुटबॉल खेलने जब मैदान पर उतरी थी तो दर्शकों की नजर उसी पर टिकी होती थी। गेंंद को अपने कब्जे में लेने के लिए गोली की भांति भागती थी। बाॅल पर शेर की तरह झपट्टा मारती थी। नतिशा बेहद ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी थी। नेगी का स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से ऑस्ट्रेलिया में मैच खेलने के लिए चुनाव किया गया था।
हादसे पर कोच और मैनेजर कहते हैं कि लड़की नहाते वक्त गलती से डेंजर जोन में चली गई। लेकिन साथी खिलाड़ी बता रही हैं कि टीम के कोच, मैनेजर और वहां के ऑर्गेनाइजर की गलती की वजह से ही डेंजर जोन में चली गई थीं। नीतिशा के साथ चार और खिलाड़ी भी इस हादसे का शिकार हुईं थी, लेकिन उन्हें समय रहते बचा लिया गया था। सवाल उठता है कि जब चार लड़कियों को बचाया जा सकता था तो नीतिशा को क्यों नहीं? इस लिहाज से नीतिशा की मौत कई सवाल खड़े करती है।
एक परिवार के लिए एक बेटी के खोने का दर्द कोई नहीं समझ सकता। इस बच्ची का परिवार भंयकर सदमें में है। मा-बांप घटना के बाद से ही अपनी लाड़ली का फोटो देख-देख रोए जा रहे हैं। नीतिशा पूरे परिवार के अलावा आसपास सभी लोगों की लाडली थी। पिता की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिता के लिए उनकी बेटी दुनिया की सबसे अच्छी बेटी थी। नीतिशा नेगी एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी तो थी ही, लेकिन उससे पहले वो अपने पिता के लिए प्राणों से प्यारी थी। परिवार इस बात को मानने के लिए तैयार ही नहीं है कि उनकी बेटी पानी में डूब कर मर सकती है। परिवार की माने तो नीतिशा तैरना भी जानती थी। पानी के बहाव का मुकाबला भी कर सकती थी।
पिता पीएस नेगी रूआसी आंखों से बताते हैं कि टूर्नामेंट खत्म होने के बाद नीतिशा का फ़ोन भी आया था। बता रही थी कि पापा मैच बहुत अच्छा गया, अब वह सभी खिलाड़ी समुद्र किनारे घूमने जा रही हैं। तब तक नीतिशा बहुत खुश थी। लेकिन क्या पता था कि थोड़ी ही देर में उसकी डूबने की खबर आएगी। जब खबर सुनी तो पूरे परिवार में कोहराम मच गया। परिवार बेटी की मौत की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहा है। जांच होनी भी चाहिए, ताकि मौत एक मिस्टृी बनकर न रह जाए।
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