नई दिल्ली, 07 जनवरी = विपक्षी दलों की ओऱ से विधानसभा चुनावों तक बजट टालने की मांग पर चुनाव आयोग गंभीर है। आयोग ने कैबिनेट सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि सरकार 10 जनवरी तक इस पर अपना रुख साफ करे । हालांकि संसदीय कार्य मंत्रालय ने साफ संकेत दिए हैं कि बजट को टाला नहीं जाएगा ।
पांच राज्यों में 4 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक 3 दिन पहले आम बजट को लेकर विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग में अपना विरोध दर्ज कराया है । विपक्षी दलों का आरोप है कि इससे केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार को फायदा हो सकता है। गुरुवार को कई विपक्षी दलों के नेता इस मामले की शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंचे थे ।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने मांग की थी कि निष्पक्ष चुनाव के लिए बजट को 8 मार्च के बाद पेश किया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक कभी भी बजट पेश किया जा सकता है । कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी चिट्ठी लिखी गई है । उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2012 में यह मुद्दा उठाया था कि चुनावों के दौरान आम बजट पेश नहीं किया जाना चाहिए. हमारा कहना है कि यह सत्तापक्ष द्वारा एक तय प्रथा है ।
विपक्ष की 11 पार्टियों की शिकायत पर वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि बजट 1 फरवरी को ही पेश होगा । चुनाव आयोग जो भी निर्देश देगा उसका पालन होगा । निर्वाचन आयोग को पहले से ही इसकी जानकारी थी कि बजट पहले प्रस्तुत होगा । निर्वाचन आयोग ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तिथियां तय की हैं ।