सब्जी बेचकर परिवार का पालन-पोषण किया, अब चलाती हैं ‘ह्यूमैनिटी मल्टीस्पेशियलिटी’ अस्पताल
समाज सेवा तो कोई सुहासिनी से सीखे, बंगाल से पांच को मिला पद्म सम्मान … सब एक से बढ़कर एक
विशेष… कोलकाता, 26 जनवरी (हि.स.)। पद्मश्री सम्मानों की तालिका में बंगाल की पांच विभूतियों को शामिल किया गया है। इनमें विजय किचलू (संगीत), कृष्णबिहारी मिश्र (शिक्षा-साहित्य), अमिताभ राय (इंजीनियर), सुधांशु विश्वास (समाजसेवक) तथा सुहासिनी मिस्त्री ( समाजसेविका) शामिल हैं।
सुहासिनी मिस्त्री (समाज सेविका)- 75 वर्षीय सुहासिनी मिस्त्री को उनके सेवामूलक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया है। उन्होंने पति के असमय मृत्यु के बाद सब्जी बिक्री करके परिवार का पालन-पोषण किया। आर्थिक संकटों से जूझने के बावजूद उन्होंने गरीबों की सेवा की। इसके लिए उन्होंने 1996 साल में दक्षिण कोलकाता के हंसपुकुर इलाके में ‘ह्यूमैनिटी मल्टीस्पेशियलिटी’ अस्पताल का भी निर्माण करवाया।
कृष्णबिहारी मिश्र (शिक्षा-साहित्य)- 82 वर्षीय कृष्णबिहारी मिश्र को साहित्य के क्षेत्र में विभिन्न विधाओं– पत्रकारिता, विचार प्रधान निबंध संग्रह, ललित निबंध संग्रह और संस्मरण आदि पर श्रेष्ठ लेखन के लिए चुना गया। उन्होंने कई पुस्तकों का संपादन तथा अनुवाद भी किया। उनकी चर्चित पुस्तकें- कल्पतरु की उत्सव लीला (रामकृष्ण परमहंस), मकान उठ रहे हैं (ललित निबन्ध), जातीय चेतना और खड़ी बोली साहित्य की निर्माण-भूमि (हिंदी पत्रकारिता पर आधारित) उल्लेखनीय है। उन्हें इससे पहले मूर्तिदेवी पुरस्कार व ज्ञानपीठ पुरस्कार भी प्रदान किया जा चुका है।
सुधांशु विश्वास (समाजसेवक)- 99 वर्षीय सुधांशु विश्वास को ग्रामीणों की सेवा तथा कई शिक्षण संस्थान, अनाथालय, अस्पताल बनवाने के लिए पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने दक्षिण (24 परगना) जिला स्थित सुन्दरवन इलाके में रामकृष्ण सेवाश्रम का निर्माण करवाया तथा जरूरतमंदों की सेवा में सदैव तत्पर रहे।
विजय किचलू (संगीत)- 88 वर्षीय विजय किचलू को संगीत के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिये पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। शास्त्रीय गायक किचलु ने डागर बन्धुओं से ध्रुपद की शिक्षा प्राप्त की। वे 25 साल तक आईटीसी संगीत अकादमी के संस्थापक और प्रमुख थे। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में आने वाली प्रतिभाओं के संरक्षण और पोषण के लिए संगीत अनुसंधान अकादमी की स्थापना की।