शिव नवरात्रि के दूसरे दिन भगवान महााकल को कराया शेषनाग धारण
उज्जैन, 06 फरवरी (हि.स.)। महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि उत्सव मनाया जा रहा है, जिसके दूसरे दिन मंगलवार को प्रात: महाकालेश्वर मंदिर स्थित नैवेद्य कक्ष में भगवान चन्द्रमोलिश्वर का पूजन किया गया तथा कोटितीर्थ कुण्ड के पास कोटेश्वर महादेव के अभिषेक-पूजन के पश्चात शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मणों द्वारा भगवान महाकाल का अभिषेक एवं एकादश-एकादशनि लघुरूद्र पाठ किया गया।
पूजन का यह क्रम महाशिवरात्रि तक प्रतिदन चलेगा। सायंकाल पूजन के पश्चात भगवान महाकाल को लाल रंग के वस्त्र धारण कराये गये। साथ ही भरत पुजारी द्वारा भांग का श्रंृगार किया गया। बाबा महाकाल को शेषनाग धारण करवाकर मुकुट, मुण्डमाला, फलों की माला धारण कराई गई। शिव नवरात्रि के तीसरे दिन 7 फरवरी को भगवान महाकाल घटाटोप स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे।
महाकालेश्वर मंदिर के प्रांगण में शिव नवरात्रि उत्सव के अंतर्गत वंशपरंपरानुसार कानडकर परिवार इंदौर द्वारा स्व. पं. श्रीराम कानडकर के सुपुत्र कथारत्न पं. रमेश कानडकर जी की शिवकथा, हरिकीर्तन का अयोजन सायं 4 बजे से 6 बजे तक किया गया है। जिसे नारदीय कीर्तन पद्धति भी कहते हैं, जिसमें कथावाचक खड़े होकर स्वयं ही वाद्य बजाते हुए गद्य एवं पद्य की मिश्रित शैली में भगवान के चरित्र एवं लीलाओं का गुणगान करते हैं। इसी तारतम्य में मंगलवार को कानडकर ने भक्ति के नौ प्रकारों का वर्णन किया और बताया कि रावण की राम के प्रति विरोध भक्ति थी, जो दसवी भक्ति है। रावण ने भगवान षिव को प्रसन्न करने कथा सुनायी। तबले पर संगत श्री तुलसीराम कार्तिकेय ने की।
शिवनवरात्रि पर्व होने से 5 फरवरी से 12 फरवरी तक शिवनवरात्रि के दौरान प्रात: 10:30 से होने वाली भोग आरती अभिषेक समाप्ति के पश्चात लगभग दोपहर 1 बजे होगी तथा सायं पूजन 05:00 बजे के स्थान पर दोपहर 03:00 बजे होगा। मंदिर के गर्भगृह में अभिषेक एवं पूजन के दौरान गर्भगृह मे प्रवेश बंद रहेगा। दर्शनार्थी नंदीमंडपम के पीछे बैरीकेट्स से दर्शन करेंगे।