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शिमला में बारिश से गिरा पहाड़, कई वाहन हुए दफ़न ..

शिमला, 02 सितम्बर (हि.स.): हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बीते तीन दिनों से हो रही बारिश से भूस्खलन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आज दूसरे दिन शिमला में भूस्खलन की वजह से लोग सहम गए। ढली टनल से सटे नेशनल हाईवे संख्या-5 पर पहाड़ दरकने से कई वाहन दफन हो गए।

हादसा शिमला से लगभग छह किलोमीटर दूर भट्टाकुफर-ढली बाईपास पर हुआ। पहाड़ दरकने की इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। 
अधिकारियों के मुताबिक दिन में करीब डेढ़ बजे जैसे ही ऊपर से पहाड़ दरका तो सड़क किनारे खड़े आधा दर्जन से अधिक वाहन मलबे में दफन हो गए। मलबे के सैलाब से एक वाहन हवा में उछलते हुए कई मीटर नीचे खाई में जा गिरा। 

गनीमत यह रही कि जिस समय पहाड़ी दरकी उस समय सड़क पर कोई वाहन नहीं गुजर रहा था अन्यथा बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। भूस्खलन की चपेट में आए सभी वाहनों को स्थानीय निवासियों ने यहां सड़क किनारे पार्क किया था। हादसे में यहां स्थित तीन मंजिला शिव मंदिर भी क्षतिग्रस्त हुआ है। पहाड़ी का मलबा सड़क के निचले तरफ मंदिर तक जा पहुंचा। 

पहाड़ी दरकने की घटना भट्टाकुफर फल मंडी के नजदीक हुई और इस वजह से अप्पर शिमला से आने वाले सेब से लदे ट्रक बीच रास्ते में फंस गए हैं। हालांकि, विभागीय मशीनरी मौके पर पहुंच कर युद्ध स्तर पर मलबा हटाने के कार्य में जुट गई है लेकिन सड़क पर पूरा पहाड़ खड़ा हो गया है। मलबा सड़क के दूसरे हिस्से में कुछ रिहायशी घरों तक पहुंच गया है। प्रशासन मौके पर पहुंचकर वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजने की तैयारी कर रहा है। 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सड़क पर से मलबा हटाने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि पहाड़ दरकने की इस घटना में कई वाहन दफन हो गए, लेकिन कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। उधर, भारी बारिश से टूटीकण्डी इलाके में चार पेड़ों के धराशायी होने से दो लोग जख्मी हुए हैं। इस घटना में दो घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। एक दिन पहले ही शिमला शहर के प्रवेश द्वार टूटीकण्डी बाईपास पर भी भूस्खलन हुआ था। हालांकि घटना में जानमाल की क्षति नहीं हुई थी।

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