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विश्व पर्यावरण दिवस पर नेशनल साइंस सेंटर ने लोगों को जागरुकता का संदेश दिया

नई दिल्ली, 05 जून = पर्यावरणीय शिक्षा पर काम करने वाली संस्था टीच फॉर ग्रीन ने नेशनल साइंस सेंटर के साथ मिलकर 44वां विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। इस अभियान के जरिये लगभग 50 लोगों ने यूएनईपी के इस वर्ष के थीम- ‘लोगों को प्रकृति से जोड़ना’ को बढ़ावा देते हुए दिल्ली को स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने को लेकर एक सकारात्मक संदेश भी दिया।

सेमिनार में पर्यावरण के वर्तमान समय के चुनौतियों पर बातचीत के दौरान पर्यावरणीय समस्या के समाधान पर चर्चा की गयी। टीच फॉर ग्रीन के संस्थापक अजय कुमार ने कहा कि बढ़ते हुए पर्यावरणीय समस्या का हल तभी निकाला जा सकता है, जब हर नागरिक अपनी-अपनी भूमिका तय करे। हमारी बढ़ती भौतिकतावादी प्रकृति के कारण पर्यावरण का तेजी से नुकसान हुआ है। अजय ने दिल्ली में सौर-ऊर्जा की सम्भावनाओं पर कहा यहां तक की हमें यह समझना होगा कि हम अगर एक लैपटॉप का एक घंटे के लिए इस्तेमाल करते हैं, तो 250 ग्राम कार्बन डाइअक्साइड का उत्सर्जन करते हैं| इसी प्रकार हमारे एक घंटे एसी के उपयोग से लगभग 3 किलोग्राम कार्बन डाइअक्साइड का उत्सर्जन होता है।

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अजय ने बताया कि हर एक नागरिक अपनी छोटी से छोटी जरूरत को पूरा करने के लिए अपने घरों पर एक साधारण तरीकों से टेबल लैम्प, मोबाईल चार्जर इत्यादि बना सकता है। हालांकि अक्षय-ऊर्जा को अपनाने में सबसे बड़ी चुनौती लोगों में इस तकनीक को अपनाने को लेकर प्रशिक्षण का अभाव है। जिसके चलते आज भी भारत के 30 फीसदी आबादी अंधेरे में जीवन गुजारने को लेकर विवश है, जबकि 75 फीसदी आबादी गांव में निवास करती है। इन समस्याओं के लिए टीच फॉर ग्रीन लोगों से अपील करती है कि इस विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यह संकल्प करें कि हम ऊर्जा को व्यर्थ में न खर्च करें और अपने छोटे-छोटे कामों के लिए अक्षय-ऊर्जा का प्रयोग करें।

इस अवसर पर नेशनल साइंस सेंटर के संयोजक कैलाश कुमार ने कहा कि आने वाले पर्यावरणीय समस्याओं से लड़ने के लिए स्कूल स्तर पर शिक्षा प्रणाली को ज्यादा से ज्यादा व्यवाहारिक बनाने की जरूरत है तभी हम आने वाले समय में मानव अस्तिव को बचा सकते हैं।

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