लोकपाल की नियुक्ति में अब और देरी ठीक नहीं: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली, 27 अप्रैल (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल की नियुक्ति को लटकाने पर गुरुवार को कड़ा एतराज जताया। कोर्ट ने कहा कि लोकपाल विधेयक-2013 जो 2014 में अस्तित्व में आया उसके आधार पर नियुक्ति की जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकपाल के लिए चयन समिति में न्यायविद की नियुक्ति के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश को वरीयता दी जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकपाल की नियुक्ति के लिए नेता प्रतिपक्ष के बिना भी नियुक्ति की जा सकती है । नेता प्रतिपक्ष के बिना पर नियुक्ति में और देर नहीं की जा सकती है। वर्तमान में प्रधानमंत्री के जरिए भी नियुक्ति की जा सकती है।
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जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने फैसला सुनाया और कहा कि लोकपाल की नियुक्ति में अब और देर ठीक नहीं है । इसे बिना विपक्ष के नेता के आगे बढ़ाया जाए। सरकार ने दलील दी थी कि वर्तमान लोकसभा में विपक्ष का नेता कोई नहीं है और कानून के मुताबिक इसके बिना नियुक्ति नहीं की जा सकती है।