लापता छात्र नजीब अहमद मामले में सीबीआई का रवैया लचर : हाईकोर्ट
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के लापता होने के मामले में कहा कि सीबीआई की ओर से इस मामले में दिलचस्पी का अभाव है। हाईकोर्ट ने कहा कि सीबीआई के डीआईजी नजीब को खोजने के लिए ठीक से सुपरवाइज नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वे एक बेहतर स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करें। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सीबीआई द्वारा नौ लोगों के पालीग्राफ टेस्ट कराने की अर्जी पर ट्रायल कोर्ट द्वारा फैसला करने के लिए लंबी डेट देने पर सवाल उठाया।
पिछले 6 सितंबर को हाईकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश था दिया कि वो नजीब को खोजने के लिए सभी जरुरी कदम उठाए। 6 सितंबर को ही सीबीआई ने नजीब को खोजने के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी देते हुए स्टेटस रिपोर्ट पेश की थी। पिछले 8 अगस्त को हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि उसने वही स्टेटस सौंपी थी जो उसके पहले सौंपी थी।
जस्टिस जीएस सिस्तानी और जस्टिस चंदर शेखर की बेंच ने कहा था कि हमने ढाई पेज का कूड़ा सौंपने के लिए आपको केस जांच करने के लिए नहीं दिया था। सीबीआई ने कहा था कि उन्हें कुछ समय दिया जाए, वे केस का खुलासा जरुर करेंगे।
पिछले 17 जुलाई को सीबीआई ने सीलबंद स्टेटस रिपोर्ट सौंपी थी। पिछले 16 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के लापता होने के मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिया था। इसके बाद 29 जून को सीबीआई ने नजीब का सुराग देनेवाले को दस लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की थी।
पिछले 16 मार्च को हाईकोर्ट ने नजीब का कोई सुराग न मिल पाने पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि आप हर हालत में उसे ढूंढ़ निकालिए। हमें रिजल्ट चाहिए। कोर्ट ने कहा था कि आप केवल कागजी कार्यवाही कर रहे हैं और केवल जनता का पैसा बर्बाद कर रहे हैं।
नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 से गायब है। नजीब की मां फातिमा नफीस ने कोर्ट में अर्जी दायर कर मांग की है कि वो नजीब को ढूंढने के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दे।