रेलवे ट्रैक के संवेदनशील स्थानों पर कमियों को किया जाय दूर: महाप्रबंधक
इलाहाबाद, 28 नवम्बर (हि.स.)। उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय सूबेदारगंज में महाप्रबंधक एम.सी चौहान ने संरक्षा व समय पालन को लेकर मुख्यालय के सभी प्रमुख विभागाध्यक्ष एवं वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से तीनो मण्डलों इलाहाबाद, आगरा एवं झांसी के मण्डल रेल प्रबंधक सहित अन्य अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया।
बैठक में 24 नवम्बर को मानिकपुर में वास्कोडिगामा एक्सप्रेस की दुर्घटना को अत्याधिक दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि हम सभी को आत्म निरीक्षण कर इस तरह की किसी भी घटना की सम्भावनाओं को समाप्त करने के प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा सघन निरीक्षणों की आवश्यकता है और निरीक्षणों के दौरान मिली कमियों को तत्काल सही किया जाना चाहिए।
बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि सभी पेट्रोलमैनों एवं निरीक्षण ट्रालियों में जीपीएस आधारित ट्रैकर आगामी 15 दिनों में लगाये जायें, जंग लगी रेलों, मल के जमने या कूड़े के कारण ट्रैक पर रेल फ्रैक्चर की सम्भावना वाले स्थानों की पहचान कर रेल पटरियों को प्राथमिकता के आधार पर बदला जाय, रेल पटरियों के किनारे ऐसे स्थानों पर आरसीसी बाउन्ड्रीवाल बनाई जाये ताकि रेल पटरियों पर कूड़ा फेंकने, मल त्याग एवं आवारा पशुओं से बचाव हो सके, सभी अधिकारियों द्वारा सघन रात्रि निरीक्षण सुनिश्चित किये जायें, ट्रैक पर समुचित मात्रा में ब्लास्ट की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी, ए रूट पर बलास्ट की डीप स्क्रीनिंग को प्राथमिकता दी जायेगी, पेट्रोलिंग को अधिक सघन बनाया जायेगा और साथ ही आकस्मिक निरीक्षणों और चेकिंग के माध्यम से पेट्रोलिंग की कमियों को जांचा जायेगा, वेल्डरों के स्किल में सुधार करने के लिए अभियान चलाया जायेगा ताकि रेल पटरियों के वेल्ड फेलियर में कमी की जा सके, सभी मेजर रेल ब्रिजों को अनुरक्षण कर्मियों के लिए फुटपाथ युक्त किया जायेगा ताकि वह पुलों पर चल सकें, ट्रैक पर किये जाने वाले सभी कार्य वर्क साइट एवं कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर ही किये जायेंगे।
बैठक के अंत में सभी ने संकल्प लिया कि उत्तर मध्य रेलवे परिक्षेत्र में दुर्घटनाओं से बचाव के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे। बैठक के समापन के अवसर उत्तर मध्य रेलवे के संरक्षा बुलेटिन ‘’जागरूकता’’ के जुलाई-सितम्बर अंक का विमोचन किया गया।