रेलवे टिकटों की बुकिंग और कैंसिलेशन से रेलवे को अरबों की कमाई
नई दिल्ली (ईएमएस)। रेलवे को टिकट बुकिंग और टिकट कैंसिल होने पर हजारों करोड़ रुपए की कमाई होती है। रेलवे टिकट बुक करने और कैंसिल करने का काम आईआरटीसी करती है। करती है इसमें ही लगभग 14 सौ करोड़ रुपए की कमाई
आरआरटीसी (रेलवे) को हो जाती है। इसके साथ ही रेलवे को रेल यात्रियों से मिला हुआ। करोड़ों रुपया उसके पास कई दिनों तक जमा रहता है। जिसका कोई फायदा रेल यात्रियों को नहीं मिलता है।
वर्ष 2016 -17 के दौरान रेलवे ने कैंसिलेशन चार्ज के रूप में 1400 करोड रुपए यात्रियों से वसूल किया। 2017-18 में यह कमाई बढ़कर1600 करोड़ रुपए का अनुमान है । रेलवे ने 2015 में टिकट कैंसिल कराने के नियमों को बदल दिया है। कैंसिलेशन और रिफंड नियमों में रेलवे यात्रियों का मनमाना पैसा काटा जा रहा है। जबकि रेलवे एडवांस बुकिंग कराती है। यदि वह यात्रियों को आरक्षण देने में सफल नहीं होती है। ऐसी स्थिति में यात्रियों का पैसा काटना कहीं से भी न्याय संगत नहीं माना जा सकता है। रेलवे एकाधिकार और सरकारी संरक्षण के चलते यात्रियों को जबरिया लूट रही है।
कैसे होती रेलवे को कमाई-
-भारत में डेढ़ लाख यात्रियों को ही रोजाना आरक्षित टिकट मिल पाता है।
-नियमित रूप से लगभग 325000 यात्री अपना टिकट बुक कराते है। 1 साल में लगभग 55 करोड़ यात्री रेलवे से ऑनलाइन टिकट बुक कराते हैं।
-52 फ़ीसदी यात्रियों के ही टिकट कंफर्म हो पाते हैं। जिसके कारण बुकिंग की हुई टिकटें कैंसिल होती हैं। रेलवे शुल्क के नाम पर यात्रियों से 25 से 50 फ़ीसदी राशि काटकर अरबों रुपए की कमाई करता है।
-कन्फर्म टिकट रद्द कराने पर एसी में 180 रुपए से 240 रुपया यात्री के काट लिए जाते हैं। सेकंड स्लीपर में 120 रुपए और सेकंड क्लास में 60 रुपये टिकट कैंसिल करने पर कट जाते हैं।
-टिकट बुक कराकर 12 से 48 घंटे के पहले टिकट रद्द कराने पर टिकट किराया का 25 फीसदी 4 घंटे से 12 घंटे तक की अवधि में टिकट रद्द कराने पर 50 फीसदी कैंसिलेशन चार्ज रेलवे काट लेती है।