राष्ट्रगान पर शिवसेना ने सामना में केंद्र सरकार को घेरा
मुंबई, 11 जनवरी (हि.स.)। थिएटरों में प्रत्येक शो के पहले बजने वाले राष्ट्रगीत की सख्ती, जो पिछले वर्ष सर्वोच्च न्यायालय ने दी थी, उसे नौ जनवरी को शिथिल कर दिया गया। इस पर शिवसेना के मुखपत्र संपादकीय में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा है कि तीन तलाक पर तो वह राष्ट्रीय स्तर पर बांग दे रही है, लेकिन राष्ट्रगीत को लेकर उसकी हवा निकल गई।
पिछले वर्ष सर्वोच्च न्यायालय ने एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि थिएटरों में शो के शुरू होने के पहले राष्ट्रगान को बजाना जरूरी है| आदेश के मुताबिक सिनेमा हॉल में लोगों को राष्ट्रगान के सम्मान में खड़ा होना आवश्यक था। इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक नया फैसला देते हुए उसे शिथिल कर दिया है। भाजपा पर टिप्पणी करते हुए सामना की संपादकीय में लिखा गया है कि वंदे मातरम का घोष करते हुए स्वतंत्रता के लिए जो फांसी के फंदे पर लटक गए, वे मूर्ख ही होंगे। इस पर भाजपा के भक्तों का क्या मत होगा? शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को सामना की संपादकीय में राष्ट्रगान मामले को लेकर केंद्र की दलील पर तंज कसा है।