नई दिल्ली, 31 दिसम्बर= लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को नए सेना प्रमुख का पदभार संभाल लिया। सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह सुहाग ने आज नॉर्थ ब्लॉक स्थित दफ्तर में उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को सेना की कमान सौंपी। इसके साथ ही जनरल सुहाग अपने पद से सेवानिवृत्त हो गए।
रावत को उत्तर में पुनर्गठित सैन्य बल, लगातार आतंकवाद एवं पश्चिम से छद्म युद्ध एवं पूर्वोत्तर में हालात समेत उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए सर्वाधिक उचित पाया गया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल रावत के पास पिछले तीन दशकों से भारतीय सेना में विभिन्न कार्यात्मक स्तरों पर एवं युद्ध क्षेत्रों में सेवाएं देने का बेहतरीन व्यावहारिक अनुभव है।
उन्होंने पाकिस्तान के साथ लगती नियंत्रण रेखा, चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा एवं पूर्वोत्तर समेत कई इलाकों में परिचालन संबंधी विभिन्न जिम्मेदारियां संभाली हैं। उन्हें एक सैनिक के तौर पर सेवाएं देने, नागरिक समाज के साथ जुड़ने एवं करुणा के प्रति संतुलित दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है।
सबेरे 11 बजे साउथ ब्लॉक में थलसेना प्रमुख तो वहीं 11 बजकर 40 मिनट पर वायुसेना मुख्यालय में वायुसेना प्रमुख का विदाई समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर दोनों सेना प्रमुखों ने गार्ड ऑफ ऑनर लिया और मीडिया से बात की। नए थलसेना प्रमुख बिपिन रावत और वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ ने भी शुक्रवार को ही अपना कार्यभार संभाल लिया।
विदाई समारोह के दौरान थलसेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने मीडिया से बात की। उन्होंने अपने संदेश में साफ किया कि इंडियन आर्मी को 43 वर्षों तक सेवाएं देने के लिए वह खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बता है कि मैं ढाई साल तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी थलसेना का मुखिया रहा।
उन्होंने फौजियों की जीवटता को सलाम करते हुए कहा कि हमारे सैनिक हर विषम परिस्थिति से बेखौफ होकर देश की सेवा के लिए हमेशा मुस्तैद रहते है। बात चाहे दुनिया के ऊंचे रणक्षेत्र सियाचिन ग्लैशियर की हो, बर्फीले पहाड़ों की हो, तपते रेगिस्तान की हो, बॉर्डर्स की हो, घने जंगलों की हो या फिर आतंकवाद के खिलाफ जम्मू—कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट की हो, हमारे सैनिक हर जगह हमेशा सतर्क रहते हैं।
जनरल सुहाग ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को तहेदिल से शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा,’सरकार ने हमें आपरेशन कंडक्ट करने में पूरी छूट दी।’ उन्होंने वन रैंक, वन पेंशन लागू करने के लिए भी शुक्रिया अदा किया।