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रणजीत व रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड मामले की सीबीआई अदालत में सुनाई आज

चंडीगढ़, 16 सितम्बर : डेरा सच्चा सौदा में 10 सदस्यीय कमेटी के प्रधान रणजीत सिंह हत्याकांड में शनिवार को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई होगी। डेरा प्रमुख रामरहीम को सजा सुनाने वाले ही न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई करेंगे। ग्रामीण व परिजनों की सुनवाई पर टकटकी लगी हुई हैं। रणजीत के आवास पर रिश्तेदारों व ग्रामीणों का तांता लगा रहा। सबकी नजरें इस अहम सुनवाई पर टिकी हुई हैं कि सीबीआई अदालत डेरा प्रमुख को उसके गुनाहों की सजा देगी। हत्याकांड को सीबीआई की अदालत तक ले जाने वाले रणजीत के पिता स्व. जोगेंद्र सिंह ने कड़ा संघर्ष किया। उनके संघर्ष की बदौलत ही केस अंतिम पड़ाव पर है, कभी भी सीबीआई अदालत की ओर से सजा का ऐलान किया जा सकता है। 

बता दें कि डेरा प्रमुख के असामाजिक कार्यों को देखकर रणजीत ने वर्ष 2000 में डेरा छोड़ दिया था। डेरे को छोड़ने के बाद डेरा प्रमुख ने कई बार रणजीत को मनाने का प्रयास किया, लेकिन रणजीत दोबारा जाने के लिए राजी नहीं हुआ। वर्ष 2002 में प्रधानमंत्री को साध्वी यौन शोषण मामले में लिखी गई चिट्ठी से डेरा प्रमुख को संदेह हुआ कि रणजीत ने ही प्रधानमंत्री के नाम यह चिट्ठी लिखी है, क्योंकि रणजीत डेरे में चल रही सभी गतिविधियों से परिचित था। डेरा प्रमुख को शक था कि वह उसके सारे भेद खोल देगा। डेरा प्रमुख की ओर गनमैन सबदिल व जसबीर सिंह ने रणजीत को कई बार मनाने के लिए घर पर आए। जब रणजीत डेरे में वापस जाने के लिए राजी नहीं हुआ तो 10 जुलाई 2002 को बाबा के सुरक्षाकर्मी सबदिल व जसवीर ने रणजीत की हत्या कर दी थी। 

उस समय की तत्कालीन सरकार ने जब हत्यारों के विरुद्ध कोई कारवाई नहीं की तो हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ही इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। इससे पहले रणजीत के परिवार पर केस वापस लेने के लिए दबाव डाला गया और प्रलोभन देने के प्रयास किए गए। 

रणजीत के बहनोई प्रभुदयाल ने बताया कि रणजीत के पिता स्व. जोगेंद्र सिंह ने न्याय लिए लंबी लड़ाई लड़ी। उन पर केस को वापस लेने के लिए भी डेरा प्रमुख की ओर से अनेकों बार दबाव बनाया गया। जोगेंद्र सिंह ने दबाव को दरकिनार करते हुए न्याय की लड़ाई ओर तेज कर दी। उनका संघर्ष जल्द ही मुकाम तक पहुंचेगा। जोगेंद्र व रणजीत की आत्मा को तभी शांति मिलेगी जब डेरा प्रमुख को फांसी की सजा होगी। डेरा प्रमुख वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में मौजूद होंगे।

वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए होगी बाबा राम रहीम की पेशी

रणजीत हत्याकांड व रामचन्द्र छत्रपति हत्याकांड सहित दो मामलों में शनिवार को बाबा राम रहीम की सुनारिया जेल से ही वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पेशी कराई जाएगी। पुलिस व जेल प्रशासन ने पेशी को लेकर तमाम प्रबंध किए है। सीबीआई अदालत में होने वाली सुनवाई को लेकर वीडियो कांफ्रेसिंग रूम में अलग से प्रबंध किए गए है। बाबा की पेशी के दौरान सुरक्षा भी कड़ी रहेगी। साथ ही जेल में अस्थाई अदालत भी बनाई गई है। माना जा रहा है कि जरूरत पड़ी तो इस बार भी न्यायाधीश सुनारिया जेल आ सकते हैं, लेकिन इसकी संभावना कम है। जेल प्रशासन का कहना है कि वीडियो कांफ्रेसिंग को लेकर तमाम प्रबंध कर दिए गए हैं। 

इस वक्त बाबा राम रहीम सुनारिया जेल में यौन शोषण मामले में बीस साल की सजा काट रहे हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस प्रशासन ने सीबीआई अदालत में अर्जी देकर बताया कि सुरक्षा कारणों के चलते बाबा राम रहीम को अदालत में नहीं लाया जा सकता है, इसलिए पेशी वीडियो कांफ्रेसिंग से कराई जाए। जिस पर अदालत ने इसे मंजूरी दी। शनिवार सुबह दस बजे सीबीआई अदालत की कार्रवाई होगी और इस दौरान बाबा को पेश किया जाएगा। बाबा की पेशी को देखते हुए जेल प्रशासन ने अतिरिक्त प्रबंध किए है। बताया जा रहा है कि जिस रस्ते को बाबा को वीडियो कांफ्रेसिंग रूम में ले जाया जाएगा वहां पर उन्हीं अधिकारियों की तैनाती की गई है, जिन्हें प्रशासन ने मंजूरी दी है। हालांकि बाबा के वकील पैरवी के लिए पंचकूला अदालत में पेश होंगे। दोनो मामलो में अहम बहस होनी है और हो सकता है कि फैसला भी सुनाया जाए। बाबा की पेशी को लेकर एक बार फिर से शहर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। 

अदालत परिसर के आसपास सुरक्षा सख्त

पंचकूला में अदालत परिसर के आसपास सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवान तैनात किए गए हैं। अदालत परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर उच्चाधिकारी निगाह रखे हुए हैं। डेरा प्रमुख के खिलाफ चल रहे इस केस की सुनवाई भी जज जगदीप सिंह ही कर रहे हैं। जिन्होंने डेरा प्रमुख को साध्वियों के यौन शोषण के केस में बीस साल की सजा सुनाई थी।

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