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मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार शनिवार को !

नई दिल्ली, 01 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल शनिवार अपराह्न संभावित है। मंत्रिमंडल में तकरीबन दर्जन भर नए चेहरे शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं| आधा दर्जन राज्यमंत्रियों को प्रोन्नति मिलने की संभावना है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज से आंध्रप्रदेश के दौरे पर गए हैं जो शनिवार दोपहर तक तिरूपति से वापस दिल्ली लौट आएंगे। ऐसे में शनिवार अपराह्न मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चेहरों के शपथ समारोह की संभावना बढ़ गई है। रविवार को प्रधानमंत्री के चीन यात्रा पर रवाना होने का कार्यक्रम है।

मोदी मंत्रिमंडल का यह तीसरा और आखिरी विस्तार व फेरबदल समझा जा रहा है। इस मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 2019 के आम चुनावों की तैयारियों को परवान चढ़ाने में जुट गए हैं। मंत्रिमंडल में रिक्त पदों को कुछ नए व कुछ पुराने चेहरों को प्रोन्नति देकर भरा जाएगा। शाह और मोदी की गुरुवार देर रात तक चली बैठक में मंत्रियों के कामकाज को आधार बनाकर जहां तरक्की का निर्णय लिया गया, तो कईयों की इसलिए विदाई तय की गई कि वे कामकाज में फिसड्डी पाए गए। हालांकि, जिन मंत्रियों को मोदी टीम से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा उनमें कई ऐसे हैं जो सांगठनिक कौशल और चुनाव व प्रचार प्रबंधन में निपुण हैं। उनकी इसी योग्यता को देख अध्यक्ष अमित शाह ने ऐसे नेताओं के लिए आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव में दायित्व भी तय कर दिए हैं।

दरअसल, अब सरकार के कार्यकाल में 2 साल से भी कम का वक्त बचा है। इससे पहले, सरकार उन राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है जहां जल्द या अगले साल चुनाव होने वाले हैं। 

इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में शामिल राजीव प्रताप रूडी ने शुक्रवार को कहा कि वह पार्टी के कार्यकर्ता हैं और कहीं भी अपनी भूमिका निभाने को तैयार हैं। संजीव बालियान ने भी पार्टी की ओर से इस्तीफा मांगे जाने की पुष्टि की है। दरअसल, मोदी बालियान और रूडी के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं। दोनों मंत्री अपने मंत्रालय में खास छाप छोड़ने में नाकाम रहे हैं। दबी जुबान में इस बात की भी चर्चा है कि रूडी को लेकर मोदी और शाह के पास कुछ शिकायतें भी पहुंची हैं। रूडी और बालियान के अलावा तकरीबन आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों की सरकार से छुट्टी कर उनको संगठन में दायित्व सौंपा जाएगा।

जिन मंत्रियों को संगठन में वापस बुलाया जा सकता है उसमें कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, उमा भारती, कलराज मिश्र, संजीव बालियान, फग्गन सिंह कुलस्ते, विष्णुदेव साय, सुदर्शन भगत, विजय सांपला, संजीव बालियान और राजीव प्रताप रूडी का नाम शामिल है। रेलमंत्री सुरेश प्रभु को रक्षा मंत्री बनाया जा सकता है। कलराज को आयु सीमा के कारण मंत्रिमंडल से हटाया जा रहा है। उनको बिहार का राज्यपाल बनाए जाने की चर्चा है। उल्लेखनीय है कि 7 राज्यों में राज्यपाल के पद रिक्त हैं। पड़ोसी राज्यों के राज्यपाल उनका अतिरिक्त दायित्व संभाल रहे हैं ।

जिन राज्यमंत्रियों के कामकाज मोदी और शाह की नजर में बेहतर रहे हैं उनको प्रोन्नति मिल सकती है। इसमें ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन, संचार व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा और डॉ जितेन्द्र सिंह का नाम शामिल है।

इसके अलावा जिन चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है उसमें भाजपा राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव, प्रह्लाद जोशी, सुरेश आंगड़ी (कर्नाटक) अश्वनी चौबे, सत्यपाल सिंह, हरीश द्विवेदी, हेमंत बिस्व शर्मा, विनय सहस्त्रबुद्धे और ओम प्रकाश माथुर का नाम चर्चा में है। जबकि मंत्रिमंडल में राजग के सहयोगी बने जदयू से आरसीपी सिंह व संतोष कुशवाहा की चर्चा जोरों पर है। अन्नाद्रमुक के कोटे से एम. थंबीदुरई व एक अन्य को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।

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