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मुज़फ्फरपुर : उजागर हुआ सरकारी बालिका गृह में यौनशोषण का मामला, राजनीति में उथल-पुथल शूरु

पटना/एस. एच. चंचल

पटना। मुजफ्फरपुर में सरकारी बालिका गृह में बच्चियों से यौन उत्पीड़न मामले का खुलासा होने के बाद बिहार में राजनीति भी चरम पर है। जहां एक ओर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि देवी ने संज्ञान लेते हुए मामले को अति गंभीर बताते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है तो वहीं इस मामले को लेकर राजद, जदयू और भाजपा नेताओं ने अपना बयान दिया है।
मामले पर बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा नेता मंगल पांडे ने कहा है कि बिहार सरकार में दोषियों को बख्शा नहीं जाता है, इस मामले पर जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है, जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

वहीं मामले पर राजद ने बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ये सब अधिकारियों की ही देखरेख में हो रहा है। उनकी जानकारी में ही सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है। राजद नेताओं का कहना है कि बिहार में लगातार बलात्कार और हत्या जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। बिहार में अब कोई भी सुरक्षित नहीं है।

वहीं इसका जवाब देते हुए भाजपा नेता और कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि सरकार ऐसी घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई करती है, इस घटना के बाद भी कार्रवाई हो रही है।

घटना पर जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि पुलिस ने घटना के बाद त्वरित कार्रवाई की है और अब समाज कल्याण विभाग ने कार्रवाई की है। इस मामले में जो भी दोषी होंगे उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जाएगी। 
हिरासत में लिया गया बालिका गृह का संचालक

वहीं, साहू रोड स्थित बालिका गृह की बालिकाओं से यौन शोषण के मामले ने तूल पकड़ लिया है। महिला थाने में पोक्सो एक्ट की धारा लगने के बाद पुलिस ने शनिवार को इसके संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत आठ लोगों को हिरासत में लिया गया है।
इसके अलावा अन्य कर्मचारियों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही। संस्था की फाइलों को खंगाला जा रहा। वहीं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणी मिश्रा ने मामले में संज्ञान लेते हुए इसकी जांच की बात कही है। 

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की टीम ने किया खुलासा

मालूम हो कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की कोशिश टीम ने पिछले दिनों बालिका गृह की सोशल ऑडिट की थी। टीम ने रिपोर्ट में कहा था कि यहां बालिकाओं को काफी आपत्तिजनक स्थिति में रखा जाता है। वहीं उनके साथ यौन शोषण व हिंसा होने की बात भी रिपोर्ट में कही गई।

इस रिपोर्ट के बाद विभाग में खलबली मच गई। विभाग ने तत्काल बालिका गृह से सभी बच्चियों को अन्य जिलों में शिफ्ट कराया। इसके बाद मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके बाद एसएसपी हरप्रीत कौर ने नगर डीएसपी के नेतृत्व में टीम का गठन कर जांच का आदेश दिया। 

सवालों के घेरे में विभाग 

मामले में बाल संरक्षण इकाई के स्थानीय अधिकारी सवाल के घेरे में हैं। क्योंकि विभाग ने 28 मई को ही जांच व प्राथमिकी का निर्देश दिया था। मगर, प्राथमिकी तीन दिनों बाद दर्ज कराई गई। इस दौरान यहां से कई फाइलें हटाने की आशंका जताई जा रही। 

कई बिंदुओं पर जांच शुरू

पुलिस बालिका गृह में बच्चियों से यौन शोषण के अलावा कई बिंदुओं पर जांच कर रही। इसमें यहां की बच्चियों को रसूखदारों, सफेदपोशों व अधिकारियों के पास भेजने के बिंदु पर भी पुलिस फोकस कर रही। जिलाधिकारी मो. सोहैल ने पूरे मामले में जिला बाल संरक्षण अधिकारी को तलब कर उनसे पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।

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