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मायावती के ये पांच करीबी थाम सकते हैं भाजपा का दामन

लखनऊ, 07 सितम्बर : बहुजन समाज पार्टी के तेज तर्रार नेता और विधानसभा लखनऊ पूर्व से प्रत्याशी रहे सरोज शुक्ला ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो मायावती पार्टी टैक्स लेती हैं। उन्होंने जिम्मेदारी देते हुए नौ-नौ लाख रुपये विधानसभाओं से जुटा कर देने को कहा था और इसमें नगर निकाय चुनावों में भाग लेने वाले प्रत्याशियों से पांच पांच लाख रुपये की उनकी मांग थी। हमें मांग स्वीकार नहीं थी तो हम पांच लोगों राजीव श्रीवास्तव, शिवशंकर सिंह दीक्षित, अरूण कुमार श्रीवास्तव और वे स्वयं ने इस्तीफा दे दिया। 

सरोज शुक्ला ने हिन्दुस्थान समाचार से वार्ता के दौरान कहा कि बहुजन समाज पार्टी में वे ब्राह्मण वर्ग के जुड़ाव के कारण आए थे। उन्होंने काम किया और हौसले के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा। पार्टी का काम करते हुए आर्थिक विषय पर चिंता की लेकिन उन्हें ब्लैकमेल किया गया। उनसे मायावती के इशारे पर लखनऊ जोनल के कार्डिनेटर ने रूपयों की डिमांड की। 

उन्होंने बताया कि ये पहला मौका नहीं है जब रुपयों की मांग की गई है। इस बार तो सभासद स्तर से पांच पांच लाख रुपयों की मांग कर दी गई, जहां बसपा शून्य है। बसपा का एक प्रत्याशी भी जल्दी निकाय चुनाव में नहीं जीतता है। फिर भी पांच लाख रुपयों की मांग की गई। इसी के बाद लखनऊ की पांच विधानसभाओं के हम प्रत्याशियों ने इस्तीफा दे दिया। बाद में बसपा ने अनुशासनहीनता दिखाते हुए हमें निकालने की बात कही। 

किसी और दल में जाने की सम्भावना पर सरोज शुक्ला ने कहा कि भाजपा की प्रदेश में सरकार है। कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक उनके पुराने मित्र हैं लेकिन अभी तक उनसे कोई वार्ता नहीं हुई है। बृजेश और मैंने साथ में कांग्रेस में काम किया है। वैसे कल से ही छोटी बड़ी पार्टियों के प्रमुख लोगों के फोन उनके पास आ रहे हैं। 

इसके अलावा इस्तीफा देने वाले विधानसभा उत्तर के पूर्व बसपा नेता अजय श्रीवास्तव अज्जू ने बताया कि बसपा के अध्यक्ष मायावती ब्लैकमेल करती हैं। पिछले तीन महीने से ये सब चल रहा था। पार्टी सिम्बल देने के बदले प्रत्याशियों से पांच लाख रुपये वसूलने का दबाव बनाया जा रहा था। इसी कारण से मैंने भी इस्तीफा दे दिया है। 

बीते 24 घंटे से राजधानी में बसपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशियों के इस्तीफे से सियासी भूचाल आ गया है। ये पहली बार हुआ है कि बसपा के पांच प्रत्याशियों ने एक साथ ही इस्तीफा दिए हैं| उनके भाजपा में जाने की सम्भावना प्रबल है। 

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