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माता की चौकी में राधे मां ने दिया युवाओ को नशा छोड़ने का संदेश

मुंबई, 13 जुलाई : पुणे में राधे मां ने युवाओं को संदेश दिया कि ‘आजकल की युवा पीढ़ी पर पाश्चात्य संस्कृति हावी होती जा रही है, जिसके चलते वे अपनी संस्कृति व परंपरा से दूर हो गए हैं। आगे बढ़ने के चक्कर में वे आध्यात्म से कोसों दूर चले जा रहे हैं| इसलिए जरूरी है कि मां-बाप अपने बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं| अच्छे व बुरे का फर्क उन्हें बचपन से ही समझाएं। बड़े होने पर मां-बाप उनसे मित्रवत व्यवहार करें, ताकि वे प्यार की तलाश में बाहर न भटकें। ऐसा होने पर वे नशे की लत से दूर रहेंगे व स्वस्थ जीवन जीएंगे।’

माता की चौकी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राधे मां पुणे आई हुई हैं। आध्यात्म के मुददे पर उन्होंने पत्रकारों से अपने विचार साझा करते हुए युवाओं को सलाह दी कि वे नशे को छोड़कर स्वस्थ जीवन जिएं। जब उनसे पूछा गया कि आज के आधुनिक युग में आध्यात्म व सांसारिक जीवन में तालमेल कैसे बैठाएं, तो इस पर उन्होंने कहा कि सांसारिक जीवन व अध्यात्म में तालमेल भगवान की कृपा से समय आने पर अपने आप बैठ जाता है। वह भगवान की ओर अपने आप खिंचा चला जाता है। इसके लिए किसी को जोर जबरदस्ती करने की जरूरत नहीं होती है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए राधे मां ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी आध्यात्म से दूर चली जा रही है। इसलिए युवा पीढ़ी को प्रेम से जोड़ा जाए। वे बच्चे हैं, उन्हें आध्यात्म समझाया जाए, अपने आप वे उससे जुड़ते चले जाएंगे।

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बच्चों को अपने माता-पिता की बात माननी चाहिए। उनका आदर करना चाहिए, उनकी सेवा करनी चाहिए। आज के हर इंसान को मां- बाप व गौ माता की सेवा जरूर करनी चाहिए। अपने बढ़ते भक्तों के बारे में उनका मानना है कि उनके लिए सभी भक्त एक समान हैं। अपने भक्तों में उन्होंने कभी भी भेदभाव नहीं किया। कोई छोटा या बड़ा भक्त उनकी नजरों में नहीं होता है, फिर चाहे वो सेलिब्रिटी हो, फिल्म स्टार हो या आम नागरिक। उन्होंने कहा कि जब तक मातारानी की कृपा रहेगी, तब तक वे उनकी सेवा करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि वे मातारानी के दरबार में शामिल होने के लिए आई हैं, वही उनके लिए सब कुछ हैं।

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