नई दिल्ली (ईएमएस)। पूर्वी दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के गेट पर ही एक महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। कुछ लोगों ने महिला को संभाला तो कुछ लोगों ने बच्चे पर कपड़ा डाला। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टरों ने इलाज से इंकार कर दिया था। बाद में घटना की जानकारी होने पर जच्च-बच्च को अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां दोनों की हालत ठीक है। नोएडा के सेक्टर-6 में रहने वालीं 22 साल की महिला उमा अपने पति चंद्रभान के साथ लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल पहुंचीं। चंद्रभान ने कहा है कि वह गुरुवार को अस्पताल का पर्चा बनवाने के बाद महिला एवं प्रसूति की ओपीडी में पहुंचा था। वहां डॉक्टरों ने उससे पुराना मेडिकल रिकॉर्ड मांगा, चंद्रभान ने कहा कि उनके पास कोई पुराना रिकॉर्ड नहीं है। इसके बाद महिला को डॉक्टरों ने वहां से भगा दिया। इसके कुछ देर बाद महिला ने अस्पताल के गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। लोगों ने जैसे ही सुना कि गेट पर एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया है।कुछ लोग मदद के लिएआगे आए और उन्होंने महिला व उसके पति की सहायता की।घटना से हर कोई हैरान था।घटना के बाद जब अस्पताल के डॉक्टरों और प्रबंधन पर सवाल खड़े होने लगे तो अस्पताल प्रबंधन सवालों का जवाब से बचता नजर आया। बाद में पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। हालांकि, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि उन्हें फिलहाल कोई शिकायत नहीं मिली है।
शिकायत मिलने पर मामले की जांच की जाएगी।अगर कोईदोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाईकी जाएगी। गौरतलब है कि महिला का पति चंद्रभान मूलत: झांसी के पास ललितपुर का रहने वाला है। उसके तीन बच्चे पहले से हैं। पूरे मामले पर अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ.अमिता सक्सेना ने कहा कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि महिला डॉक्टर के पास पहुंची ही नहीं थी। फिर भी मामले में जांच कमेटी बनाई है। शुरुआत में उन्होंने सुना था कि मरीज को भगा दिया है, लेकिन पता चला कि ऐसा नहीं हुआ था। दरअसल, महिला अपने आप ही पर्ची बनने वाली लाइन में लग गई थी। उसे लगा कि कुछ लोग ओपीडी में पर्ची के साथ जा रहे हैं। अस्पताल की ओर ऐसा कोई निर्देश नहीं था। महिला जैसी ही पर्ची बनाने पहुंची। यहां डिलीवरी हो गई, हालांकि सीएमओ पहुंच गए। बाद में महिला ने खुद माना कि उसे किसी भी डॉक्टर ने नहीं भगाया था।