नई दिल्ली (28 जनवरी): एक महिला और उसके पति पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। नेहा गांधिर फील गुड इंडिया नाम की कंपनी से जुड़ी एक व्यवसायी हैं और उनका मुंबई की स्पाट एंड कंपनी से ट्रेडमार्क उल्लंघन को झगड़ा हो गया था.
इसके बाद महिला ने इस कंपनी को झूठे उत्पीड़न केस में फंसाने की धमकी देना शुरु कर दिया।हरियाणा की व्यवसायी गांधिर ने मुंबई बेस्ड कंपनी से विवाद होने के बाद कथित तौर पर एक झूठा उत्पीड़न केस दर्ज कराया। मामले पर की जानकारी देते हुए जस्टिस एस. काटावल्ला ने खुलासा किया कि लोगों में अधिकारों के इस्तेमाल के मामले बढ़ रहे हैं।
उन्होंने ऐसे मामलों की आलोचना की और कहा कि न्यायालय ऐसे मामलों में सख्ती के साथ पेश आएगा।न्यायालय ने कहा, “इस चलन (अदालत का समय बर्बाद करने) को हमेशा के लिए रोकने हेतु यह निर्देश दिया जाता है कि सुराज इंडिया ट्रस्ट अब इस देश की किसी भी अदालत में जनहित में कोई याचिका दायर नहीं करेगा.” उसने कहा, “राजीव दहिया के जनहित में याचिका दायर करने पर रोक लगायी जाती है।
सुराज इंडिया ट्रस्ट और राजीव दहिया द्वारा अदालत का समय बर्बाद करने के एवज में, हमें 25 लाख रुपये का उदाहरणीय जुर्माना लगाना उचित लगता है ताकि ऐसे लोग इस प्रकार की याचिका दायर करने से बचें।”न्यायालय ने एनजीओ से एक महीने के भीतर यह राशि जमा करवाने को कहा है।
पीठ ने कहा कि इस न्यायालय में या फिर किसी भी उच्च न्यायालय में, जहां भी सुरक्षा इंडिया ट्रस्ट ने याचिकाएं दायर की हैं, और वह लंबित हैं, उनमें इस फैसले को रिकार्ड में पेश करना एनजीओ की जिम्मेदार होगी।