मदरसों के नाम पर हो रही लूट, 250 को नोटिस
मेरठ, 31 जनवरी (हि.स.)। प्रदेश सरकार की मदरसों को आधुनिक रूप देने की योजना से एक बड़ा घपला पकड़ में आ गया है। मदरसा आधुनिकीकरण योजना के नाम पर करोड़ों की लूट करने वाले लगभग 250 मदरसों को नोटिस जारी किया गया है। इनमें से अधिकांश मदरसे केवल कागजों में ही चल रहे हैं। शासन की सख्ती के बाद इनके खिलाफ अब कार्रवाई होगी।
केंद्र सरकार की पहल पर मदरसों को आधुनिक रूप देने के लिए मदरसा आधुनिकीकरण योजना शुरू की गई। इसके लिए मदरसों में प्रशिक्षित शिक्षकों की तैनाती और अन्य दूसरी सुविधाओं के लिए भारी बजट दिया गया। तत्कालीन प्रदेश सरकार ने नियमों की अनदेखी करके बड़ी संख्या में मदरसों को मान्यता दे दी। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे सभी मदरसों पर शिकंजा कस दिया है और इसकी जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों ने जैसे ही जांच शुरू की तो इसमें तमाम घपले सामने आने लगे।
250 मदरसों को नोटिस जारी
अभी तक की जांच में सामने आया कि शहरी क्षेत्र में मदरसा आधुनिकीकरण योजना में शामिल अधिकांश मदरसे मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं। कई मदरसे तो केवल कागजों में ही चल रहे हैं। कई मदरसों का अपना भव नहीं है तो शिक्षक और बच्चे भी गायब पाए गए। कुछ मदरसों में शिक्षा का स्तर बहुत ही खराब मिला। ऐसे में मेरठ मंडल के उप निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण ने 250 मदरसों का नोटिस जारी किया है। स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर मदरसों की मान्यता रद्द करने के साथ-साथ उन्हें दिए गए पैसे की वसूली होगी और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आॅनलाइन व्यवस्था से सामने आई गड़बड़ी
अभी तक मदरसों के नाम पर मोटा गोलमाल होता रहा है। प्रदेश सरकार ने मदरसों को आॅनलाइन सिस्टम से जोड़ने की व्यवस्था की तो सारी पोल खुल गई। आॅनलाइन सिस्टम में मदरसों को सारा रिकाॅर्ड अपडेट करने के साथ-साथ उनका भौतिक सत्यापन भी किया जा रहा है। इससे महज कागजों में चल रहे मदरसों की सारी गड़बड़ी पकड़ में आ गई। इस कार्रवाई से मदरसा संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।
उप निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण मोहम्मद तारिक ने बताया कि शासन के निर्देश पर मदरसों की बारीकी से जांच की जा रही है। अभी तक हुई जांच में भारी नियमितताएं सामने आई है। इन सभी को नोटिस जारी किया गया है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी तो फर्जी चल रहे मदरसों की संख्या बढ़ सकती है। किसी भी संस्था को फर्जी रूप में नहीं चलने दिया जाएगा। जांच के दायरे में मेरठ मंडल के सभी जनपदों के मदरसों को लाया जा रहा है।