मऊ : डीएम की नसीहत से बाबू वसूली कर, उनके खाते में जमा करता है रकम
मऊ(ईएमएस)। जिले के अधिकारी पदीय अधिकारो की आड़ मे मनमानी कर खुलेआम पैसे का दोहन कर रहे हैं। शासन के पत्र के बाद डीएम के द्वारा कार्यवाही का जारी आदेश का आज तक पालन नही होना भी अधिकारियों की इस मनमानी का नतीजा है। इस बात का खुलासा कोई और नही जिलाधिकारी कार्यालय के अधीन कलेक्ट्रेट में तैनात एक बाबू ने किया है। बाबू की माने तो कर्मचारियों ने डीएम को आदेश दिया है कि वे किसी से जबरदस्ती पैसे की वसूली नही करे हाॅ यदि कोई खुशी से दे तो लेने से पीछे भी नही हटे।
विभागीय सूत्रों की माने तो कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक पदीय अधिकारों की आड़ में खुलेआम वसूली कर रहे है। अधिकारियों को उस समय और भाव बढ़ जाता है जब उन्हें शासन आदि से किसी कर्मचारी आदि पर कार्यवाही करने का आदेश मिल जाता है। अधिकारी ऐसे आदेशों के माध्यम से कर्मचारी तक से खुलेआम वसूली कर आदेश के कप्लाएंस में जानबूझकर देरी करते है। इस बात का सबूत जिला विकास अधिकारी कार्यालय में बीते 13 फरवरी 2018 को डीएम के द्वारा दागी कर्मचारियों पर कार्यवाही के दिए गए आदेश के बावजूद आज तक कार्यवाही नही किए जाने का मामला सबूत के रूप में देखा जा सकता है।
वित्तीय और अभिलेखीय अनियमितता के दागियों पर डीडीओं ने डीएम के आदेश को दबा दिया। मजे की बात यह रही कि खुद के आदेश के पालन को लेकर डीएम भी बहुत गंभीर नही रहे नही तो उनके द्वारा इस मामले में डीडीओं को रिमाईडर जरूर जारी किया गया होता। अधिकारी और कर्मचारी खुलेआम भ्रष्टाचार को दावत दे रहे हैं इस बात का खुलासा कलेक्ट्रेट स्थित रुम नंबर 26 मे जिलाधिकारी के अधीन तैनात एक बाबू फैजुल रहमान ने कैमरे के सामने खोलने का काम किया है। बाबू की माने तो पदीय अधिकारो में किए गए कार्यो के बदले में यदि कोई लाभार्थी किए गए कार्य के बदले में खुशी से पैसा दे तो उसे लेने से इनकार की जगह पर ले लिया जाता है। बाबू ने इस बात का खुलासा किया कि कर्मचारियों के द्वारा किए गए कार्यो के बदले में लाभार्थियो के द्वारा खुशी से दिए गए 500, 1000, 1500 और दो हजार की रकम में से कुछ हिस्सा डीएम के खाते में भी जमा किया जाता है।
यह बाबू कलेक्ट्रेट के 26 नंबर कमरे में बैठकर जरूरतमंदों के नाम हैसियत प्रमाण पत्र बनाने काम करता है। प्रमाण पत्र बनवाने वालों से खुलेआम वह रकम ऐठता है। लेकिन वह अपनी मर्जी से और डीएम साहब की सलाह पर करता है। यही नही वह ऐठी गई रकम का कुछ हिस्सा जिलाधिकारी के खाते में भी जमा करता है। बाबू का नाम फैजुल रहमान है। जिलाधिकारी प्रकाश विंदु से जब इस मामले को लेकर उनसे सवाल किया गया तो उन्होने ऐसी किसी भी कर्मचारी को उनके द्वारा नसीहत नही दी गई है। यदि कर्मचारी के खिलाफ किसी प्रकार की शिकायत आती है तो मामले में जांच के बाद उसके खिलाफ कार्यवाही पर निर्णय लिया जाएगा।