नई दिल्ली, 27 दिसम्बर = केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि एक हफ्ते के भीतर बहुजन समाज पार्टी के खाते में 104 करोड़ रुपये जमा होना भ्रष्टाचार का मुद्दा है और इसे राजनैतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।
मंगलवार को इस मामले में एक बयान जारी कर पासवान ने कहा कि बसपा प्रमुख को इसे जातीय मुद्दा बनाने की बजाय जनता के बीच इतनी बड़ी रकम का स्रोत बताना चाहिए। किसी राजनैतिक पार्टी को यह छूट नहीं है कि किसी के कालेधन को अपने खाते में जमा करके उसे सफेद बना दे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद अचानक पैसों की बारिश कहां से हो रही है। मायावती जाति का कार्ड खेलकर खुद को बचाना चाहती हैं।
पासवान ने कहा कि लोजपा सरकार में शामिल है और लोकसभा में उसके छह सांसद हैं, फिर भी पार्टी के खाते में महज एक लाख रुपये हैं। बसपा जिसका कोई सांसद नहीं है, उसे इतनी बड़ी रकम कहां से मिल गई? उन्होंने कहा, ‘इस मामले में कानून अपना काम करेगा। लेकिन मैं भी दलित का बेटा हूं, इससे मुझे गलत काम करने की छूट नहीं मिल जाती।’
उन्होंने कहा कि बसपा शुरू से ही कालेधन का लेन-देन करती रही है और उस पार्टी में टिकटों की खरीद-फरोख्त को आम जनता भी जानती है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कालेधन के खिलाफ लड़ाई का बसपा ने सबसे पहले विरोध किया था। लेकिन अब यह लड़ाई निर्णायक दौर में पहुंच गई है और बड़ी मछलियां जाल में फंसने लगी हैं। पासवान ने कहा कि इस मामले को उत्तरप्रदेश चुनाव से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। केंद्र सरकार नियमों के तहत काम कर रही है।