देहरादून, 20 फरवरी (हि.स.)। भूटान की नेशनल असेंबली के स्पीकर जिग्मे जांगपो ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व संसदीय समिति के अध्यक्ष डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को हिमालय पुत्र बताया। उन्होंने उनके सम्मान में भोज का आयोजन भी किया।
डॉ. निशंक ने भूटान व भारत के मध्य इंजीनियरिंग प्रबंधन, उद्धमियता विकास, इको टूरिज्म कौशल विकास, पर्वतीय कृषि, जैविक तकनीकी और उच्च शिक्षा से जुड़े मामलों में सहयोग किए जाने का आग्रह किया। डॉ. निशंक ने भूटान के नेशनल असेंबली के स्पीकर जिग्मे जांगपो को हरिद्वार गंगा स्नान का निमंत्रण भी दिया। जिग्मे जांगपो ने डॉ. निशंक की स्पर्श गंगा मुहिम की प्रशंसा की गई और विश्वास प्रकट किया की अन्य हिमालय देश भी स्पर्श गंगा अभियान से जुड़ेंगे। इस अवसर पर उन्होंने बताया की उनकी सरकार अपने देश की सभी जल धाराओं की स्वच्छता के लिए प्रतिबद्ध है और इस कारण से उनकी नदियों में प्रदुषण देखने को नहीं मिलता।
भोज में कई सांसदों ने हिस्सा लिया जिसमे चोयेदा जमशो, किन्ले ओम और करमा तेनजिन प्रमुख थे। जिग्मे जांगपो ने बताया की भारत और भूटान के संसद के मध्य अत्यंत मजबूत सम्बन्ध हैं, उन्होंने बताया की भूटान में हिमालय के पर्यावरण की रक्षा के लिए सरकार द्वारा आने कदम उठाये गए हैं। उन्होंने डॉ. निशंक को स्पर्श गंगा अभियान की बधाई देते हुए उन्हें ‘हिमालय पुत्र’ की संज्ञा दी।
निशंक ने इस बात पर जोर दिया की मौसम परिवर्तन के चुनोतियों से निपटने के लिए भारत भूटान समेत सभी हिमालयी देशों को एक मंच पर संगठित होना चाहिए। स्पीकर ने कहा की भूटान कार्बन नेगेटिव है व अपनी महत्वकांक्षी जलविद्युत परियोजनाओं से पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित है। उन्होंने भारत को गहरा दोस्त बताया और भूटान नवनिर्माण में भारत के अभूतपूर्व योगदान की सराहना की। भूटान नेशनल असेंबली के महासचिव और विदेश मंत्रालय के महानिर्देशक भी मौजूद थे।