विकासनगर, 11 अक्टूबर (हि.स.)। सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह से ही नियत मानदेय की मांग को लेकर आंदोलन कर रही आशा कार्यकर्ताएं तीन दिन से भूख हड़ताल पर हैं। बुधवार को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी आशाओं की हालत बिगड़ गयी। ज्यादा हालत बिगड़ने पर एक आशा को सीएचसी में भर्ती कराया गया है।
सोमवार को आशा कार्यकर्ताओं ने धरने को अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल में बदला था, भूख हड़ताल पर बैठी सावित्री चौहान, आफरोज, गोमती जोशी, किरन कश्यप, आबिदा व प्रभा रानी की बुधवार को हालत बिगड़ गयी, चिकित्सकों ने परीक्षण कर आशा कार्यकर्ता आबिदा को सीएचसी में भर्ती कराया। धरने पर बैठीं आशाओं ने कहा कि सरकार द्वारा नियत मानदेय संबंधी शासनादेश जारी होने के बाद ही भूख हड़ताल समाप्त की जाएगी।
आंदोलनरत आशा कार्यकर्ताओं ने कहा सरकार ने एक माह तक उनके सब्र की परीक्षा ली है। अब उन्होंने फैसला कर लिया है कि सरकार के वादों के आगे समर्पण नहीं किया जाएगा। कहा कि आशाओं के साथ भेदभाव करके सरकार अपने दोहरे चरित्र को बयां कर रही है। एक ओर सरकार महिला सशक्तीकरण के माध्यम से समाज की अंतिम महिला को आत्मनिर्भर बनाने का दावा कर रही है वहीं दूसरी ओर सरकारी व्यवस्था के तहत कार्य कर रही आशाओं का आर्थिक व मानसिक शोषण किया जा रहा है।
भूखहड़ताल स्थल सीएचसी परिसर में सलिला चौहान, मरियम, रीता, स्वाति, निशा, इमराना, सरिता, बबीता, सीमा, आशा, मधु चौहान, रेखा चौहान, माधुरी, फूलजहां आदि मौजूद रहे।